Edited By Rohini Oberoi,Updated: 31 Dec, 2025 01:12 PM

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है जिसने दिल्ली-एनसीआर की सबसे महंगी सोसाइटी DLF कैमेलियास (The Camellias) के नाम पर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया। इस गिरोह ने एक महिला को उस फ्लैट का मालिकाना हक बेच दिया जिसका असल...
नेशनल डेस्क। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है जिसने दिल्ली-एनसीआर की सबसे महंगी सोसाइटी DLF कैमेलियास (The Camellias) के नाम पर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया। इस गिरोह ने एक महिला को उस फ्लैट का मालिकाना हक बेच दिया जिसका असल में कोई अस्तित्व ही नहीं था। वहीं पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड मोहित गोगिया समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि गिरोह का मुख्य सरगना 'बाबा जी' अभी भी फरार है।
जाली दस्तावेज और फर्जी नीलामी का मायाजाल
ठगी की यह कहानी किसी फिल्म की तरह है। आरोपियों ने पीड़िता को फंसाने के लिए एसबीआई (SBI) बैंक के फर्जी नीलामी दस्तावेज और सेल सर्टिफिकेट दिखाए। आरोपियों ने दावा किया कि उनकी कंपनी एमजी लीजिंग एंड फाइनेंस ने बैंक नीलामी के जरिए गुरुग्राम की सबसे लग्जरी सोसाइटी में एक प्रॉपर्टी खरीदी है। झांसे में आकर महिला ने अगस्त से अक्टूबर 2024 के बीच किस्तों में 12.04 करोड़ रुपये आरोपियों के खातों में भेज दिए। जब बैंक से दस्तावेजों की जांच कराई गई तो पता चला कि नीलामी की रसीदें और सर्टिफिकेट पूरी तरह फर्जी थे।
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200 करोड़ का साम्राज्य और 'बाबा जी' का कनेक्शन
जांच में पता चला कि यह गिरोह केवल 12 करोड़ तक सीमित नहीं है। मास्टरमाइंड मोहित गोगिया और फरार सरगना राम सिंह उर्फ 'बाबा जी' ने मिलकर दिल्ली, पंजाब, गोवा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 200 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।
कैसे काम करता था गैंग?
राम सिंह 'बाबा जी फाइनेंस' नाम की फर्म चलाता था। ठगी के पैसों को ऊंची ब्याज दरों पर बाजार में घुमाया जाता था (मनी लॉन्ड्रिंग)। बाबा जी के काफिले के लिए ठगी के पैसों से लग्जरी गाड़ियां खरीदी गई थीं।
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ऋषिकेश के पास से हुई गिरफ्तारी
डीसीपी (क्राइम) आदित्य गौतम के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस गैंग का पीछा मुंबई से लेकर उत्तराखंड तक किया। मुख्य आरोपी मोहित गोगिया गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई भाग गया था। जब वह वहां से उत्तराखंड जा रहा था तब पुलिस ने उसे ऋषिकेश-देहरादून रोड पर दबोच लिया। मोहित की निशानदेही पर विशाल मल्होत्रा, सचिन गुलाटी, अभिनव पाठक और भरत छाबड़ा (दस्तावेज एक्सपर्ट) को भी गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों की प्रोफाइल
मोहित गोगिया (38 वर्ष): गिरोह का दिमाग जिस पर धोखाधड़ी के 16 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसे ठगी का 40% हिस्सा मिलता था। लैपटॉप पर हूबहू असली दिखने वाले फर्जी बैंक दस्तावेज तैयार करने में माहिर। सिंडिकेट का मुख्य हैंडलर, जो 60% मुनाफा अपने पास रखता था।