Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Nov, 2025 12:17 PM

सुंदर दिखने की चाहत में लोग अक्सर ऑनलाइन स्किन लाइटनिंग क्रीम्स खरीद लेते हैं लेकिन अब एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इन गोरेपन की क्रीम्स में पारा (Mercury) की मात्रा तय सीमा से हज़ारों गुना अधिक पाई गई है जिसका सीधा और गंभीर असर हमारी किडनी,...
नेशनल डेस्क। सुंदर दिखने की चाहत में लोग अक्सर ऑनलाइन स्किन लाइटनिंग क्रीम्स खरीद लेते हैं लेकिन अब एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इन गोरेपन की क्रीम्स में पारा (Mercury) की मात्रा तय सीमा से हज़ारों गुना अधिक पाई गई है जिसका सीधा और गंभीर असर हमारी किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम पर पड़ सकता है।
रिपोर्ट का खुलासा: 27,000 ppm तक मरकरी
ज़ीरो मर्करी वर्किंग ग्रुप की हालिया रिपोर्ट ने ऑनलाइन मार्केट की खतरनाक सच्चाई उजागर की है। क्रीम्स में मरकरी की स्वीकार्य सीमा केवल 1 पार्ट्स पर मिलियन (ppm) है। अलग-अलग देशों में ऑनलाइन बिक रहीं 31 स्किन लाइटनिंग क्रीम्स में से 25 क्रीम्स में मरकरी की मात्रा हज़ारों गुना अधिक मिली है। भारत में एनजीओ टॉक्सिक्स लिंक (Toxics Link) द्वारा जांची गई 8 क्रीम्स में से 7 क्रीम्स में 7,000 से लेकर 27,000 ppm तक मरकरी पाया गया। यह स्पष्ट है कि ऑनलाइन मार्केट में बिक रही कई क्रीम्स पूरी तरह अनरेगुलेटेड और जनस्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकती हैं।

मरकरी से शरीर को कैसे पहुंचता है नुकसान?
दिल्ली के हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. के अनुसार मरकरी त्वचा के लिए एक धीमा ज़हर है:
-
अस्थायी गोरापन: मरकरी मेलानिन (Melanin) बनने की प्रक्रिया को रोकता है जिससे त्वचा अस्थायी रूप से गोरी दिखने लगती है।
-
त्वचा का नुकसान: यह गोरेपन का लालच धीरे-धीरे त्वचा की प्राकृतिक सुरक्षा को खत्म कर देता है। क्रीम बंद करते ही त्वचा और ज़्यादा खराब हो जाती है जलन, लालपन, खुजली और बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।
-
आंतरिक क्षति: सबसे खतरनाक बात यह है कि मरकरी शरीर में प्रवेश कर किडनी फेल्योर (Kidney Failure) तक कर सकता है। लगातार इस्तेमाल से प्रोटीन लीक, न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स (तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएँ) और सांस की बीमारियां भी हो सकती हैं।

शरीर में कैसे प्रवेश करता है पारा?
डॉ. महाजन बताते हैं कि मरकरी त्वचा के ज़रिए, सांस के ज़रिए या मुंह के रास्ते शरीर में जा सकता है। जब आप रोज़ ऐसी क्रीम लगाते हैं तो यह धीरे-धीरे किडनी में जमा होने लगता है और उसकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है।
WHO की पहचान: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अगर किसी क्रीम के लेबल पर ये शब्द लिखे हों, तो समझ जाइए, उसमें मरकरी है:
-
Calomel
-
Cinnabaris
-
Hydrargyri oxydum rubrum
-
Quicksilver
-
Mercuric Compound

क्रीम खरीदने से पहले रखें ये बातें ध्यान
अपनी त्वचा और सेहत को सुरक्षित रखने के लिए क्रीम खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें:
-
प्रमाणित ब्रांड: हमेशा FDA (Food and Drug Administration) या BIS (Bureau of Indian Standards) प्रमाणित ब्रांड्स का ही चुनाव करें।
-
ऑनलाइन ऑर्डर: किसी भी अनजान विदेशी क्रीम को ऑनलाइन देखकर तुरंत ऑर्डर न करें।
-
डॉक्टर से सलाह: स्किन लाइटनिंग की ज़रूरत महसूस होने पर पहले किसी डर्मेटोलॉजिस्ट (त्वचा विशेषज्ञ) से सलाह लें।
-
प्राकृतिक सुंदरता: गोरा दिखना सेहत से ज़्यादा ज़रूरी नहीं। प्राकृतिक स्किन टोन को अपनाना और स्किन को हेल्दी (Healthy) रखना ही सबसे बड़ा ब्यूटी सीक्रेट है।