Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 May, 2025 07:21 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में देश के समग्र विकास और सामाजिक संतुलन को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें रखीं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जातिगत जनगणना महज आंकड़ों का खेल...
नई दिल्ली: 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद राजनीतिक हलकों में उठे बयानों की गूंज अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच चुकी है। एनडीए शासित 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर "लूज टॉक" यानी गैर-जिम्मेदाराना बयानबाज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा अभियानों की सफलता को राजनीतिक बयानबाज़ियों से कमजोर करना राष्ट्रीय हित के खिलाफ है और नेताओं को सार्वजनिक मंचों पर जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जाति की राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही है और असल मकसद है — वंचितों, पिछड़ों और हाशिए पर खड़े वर्गों को सक्षम और सशक्त बनाना।
ऑपरेशन सिंदूर: आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान
प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को आत्मनिर्भर भारत के विज़न का जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने इशारों में कहा कि हाल के भारत-पाक तनाव के दौरान स्वदेशी रक्षा तकनीक की भूमिका यह दर्शाती है कि भारत अब रणनीतिक क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम बढ़ा चुका है।
राज्यों से साझा प्रयासों का आह्वान
सम्मेलन में उत्तराखंड की ओर से समान नागरिक संहिता (UCC) समेत सात प्रमुख सुशासन मॉडल प्रस्तुत किए गए, जिस पर पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि एक विशेष समिति बनाई जाए जो इन मॉडलों के अध्ययन के साथ यह भी देखे कि इन्हें अन्य राज्यों में कैसे लागू किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए शासित राज्य यदि समन्वय के साथ कार्य करें, तो ‘विकसित भारत’ का सपना जल्द साकार किया जा सकता है।
राजनीतिक बयानबाजी पर फटकार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में हुई कुछ असंवेदनशील टिप्पणियों पर अप्रसन्नता जताते हुए प्रधानमंत्री ने नेताओं को सलाह दी कि वे अनावश्यक और भड़काऊ बयान देने से बचें। उनका यह संदेश साफ था कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर व्यवहार किया जाना चाहिए।
जेपी नड्डा ने की घोषणाएं
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि इस सम्मेलन में 20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में दो प्रमुख प्रस्ताव पारित हुए — पहला, सेना की वीरता और प्रधानमंत्री के निर्णायक नेतृत्व की सराहना करता है, जबकि दूसरा प्रस्ताव आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल करने के निर्णय का समर्थन करता है। जेपी नड्डा ने यह भी याद दिलाया कि जातिगत जनगणना की पहल सबसे पहले बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने की थी, जो एनडीए का हिस्सा थी। इससे स्पष्ट होता है कि यह विचार लंबे समय से गठबंधन के दृष्टिकोण में शामिल रहा है।