Edited By Utsav Singh,Updated: 03 Aug, 2024 04:41 PM
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है। 2025 से बोर्ड परीक्षा की आंसर शीट्स का मूल्यांकन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से किया जाएगा। इस नई व्यवस्था के तहत, आंसर शीट्स की मार्किंग में एआई का उपयोग...
नेशनल डेस्क : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है। 2025 से बोर्ड परीक्षा की आंसर शीट्स का मूल्यांकन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से किया जाएगा। इस नई व्यवस्था के तहत, आंसर शीट्स की मार्किंग में एआई का उपयोग किया जाएगा, जिससे परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किए जा सकेंगे। यह देश में पहली बार होगा जब किसी बोर्ड द्वारा एआई के माध्यम से मूल्यांकन व्यवस्था लागू की जाएगी।
नई मूल्यांकन व्यवस्था की विशेषताएँ
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एआई द्वारा मूल्यांकन: मार्च 2025 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की आंसर शीट्स को एआई सॉफ्टवेयर के माध्यम से चेक किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर यह तय करेगा कि जवाब सही है या नहीं और उसी आधार पर मार्क्स प्रदान करेगा।
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टीचर्स द्वारा चेकिंग: आंसर शीट्स की एआई द्वारा मूल्यांकन के साथ-साथ टीचर्स द्वारा भी चेकिंग की जाएगी। दोनों द्वारा की गई मार्किंग को कंपेयर किया जाएगा ताकि सही अंक सुनिश्चित किए जा सकें।
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गलतियों की संभावना में कमी: इस नई प्रणाली से कॉपियों की चेकिंग में होने वाली संभावित गलतियों की संभावना कम हो जाएगी। टीचर्स द्वारा मार्क्स देने में होने वाली मनमानी और लापरवाही पर भी अंकुश लगेगा, क्योंकि सॉफ्टवेयर निर्धारित करेगा कि अंक सही हैं या नहीं।
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समय पर रिजल्ट्स: आंसर शीट्स को स्कैन किया जाएगा और सभी जिलों से टीचर्स की टीम इस कार्य को सब्जेक्ट वाइज पूरा करेगी। ऑनलाइन मार्किंग की प्रक्रिया से परीक्षाओं के रिजल्ट समय पर जारी होंगे, जिससे पिछले वर्षों की तुलना में यह कार्य एक महीने से अधिक समय में पूरा होगा।
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ऑनलाइन चेकिंग और ट्रैकिंग: ऑनलाइन मार्किंग के लिए टीचर्स को यूजर आईडी और पासवर्ड दिए जाएंगे, जिनके माध्यम से वे मूल्यांकन केंद्र पर ऑनलाइन कॉपी चेक करेंगे। मूल्यांकन के दौरान प्रत्येक सवाल के अंक, चेकिंग की शुरुआत और समाप्ति का समय, और कुल अंक स्वचालित रूप से दर्ज होंगे। यदि कोई पेज छूट जाता है, तो टीचर को तुरंत सूचित किया जाएगा।
प्रशासकीय और शैक्षिक लाभ
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भरोसेमंद मूल्यांकन: AI और टीचर्स दोनों की जाँच से मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक सटीक और विश्वसनीय होगी।
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मनमानी पर नियंत्रण: टीचर्स द्वारा अंक देने में होने वाली संभावित मनमानी पर लगाम लगेगी और गलतियाँ कम होंगी।
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समय की बचत: ऑनलाइन मार्किंग और ऑटोमेटेड ट्रैकिंग से मूल्यांकन प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी, जिससे परिणाम समय पर जारी किए जा सकेंगे।
हरियाणा बोर्ड की यह नई पहल शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे छात्रों, शिक्षकों, और परीक्षाओं के प्रबंधन में सुधार की उम्मीद की जा रही है।