Edited By Rohini Oberoi,Updated: 22 Nov, 2025 10:26 AM

आईवीएफ (In Vitro Fertilization) तकनीक उन कपल्स के लिए एक बड़ी उम्मीद है जो फर्टिलिटी (प्रजनन) समस्याओं के कारण प्राकृतिक रूप से माता-पिता नहीं बन पाते हैं। भारत में भी इस तकनीक ने कई दंपत्तियों के पेरेंटहुड के सपने को पूरा किया है। हालांकि आईवीएफ से...
नेशनल डेस्क। आईवीएफ (In Vitro Fertilization) तकनीक उन कपल्स के लिए एक बड़ी उम्मीद है जो फर्टिलिटी (प्रजनन) समस्याओं के कारण प्राकृतिक रूप से माता-पिता नहीं बन पाते हैं। भारत में भी इस तकनीक ने कई दंपत्तियों के पेरेंटहुड के सपने को पूरा किया है। हालांकि आईवीएफ से गर्भधारण करने पर जुड़वा बच्चे (Twins) होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या आईवीएफ से कंसीव हुए जुड़वा बच्चों के लिए नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) संभव है या सी-सेक्शन (C-Section) ही करवाना पड़ता है?
जुड़वां बच्चों के लिए कौन सी डिलीवरी है सही?
हर मां का सपना होता है कि उसकी डिलीवरी प्राकृतिक (वजायनल) हो लेकिन कई बार मां और बच्चों की सुरक्षा के लिए चिकित्सीय हस्तक्षेप ज़रूरी हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर आईवीएफ से जुड़वा बच्चे कंसीव हुए हैं तो सी-सेक्शन करवाना मेडिकल रूप से सबसे सुरक्षित और पसंदीदा विकल्प माना जाता है। जबरदस्ती नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश करना मां और बच्चों दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
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ट्विन प्रेगनेंसी में नॉर्मल डिलीवरी क्यों मुश्किल?
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब आईवीएफ प्रेगनेंसी होती है, यूट्रस में ट्विन्स होते हैं और प्रेगनेंसी हाई रिस्क कैटेगरी में आती है तो डॉक्टर आमतौर पर सी-सेक्शन की ही सलाह देते हैं। जुड़वां बच्चों के मामले में नॉर्मल डिलीवरी के दौरान कई खतरे बढ़ जाते हैं। बच्चों को सांस या दिल से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। प्लेसेंटा (अपरा) में जटिलताएं आ सकती हैं। प्रसव के दौरान तत्काल चिकित्सीय हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ सकती है।
मां की सेहत पर भी जोखिम बढ़ जाता है। इन सभी संभावित जटिलताओं के कारण सी-सेक्शन को आईवीएफ ट्विन प्रेगनेंसी में सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है।
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सी-सेक्शन कोई कमी नहीं
कई महिलाएं सी-सेक्शन का नाम सुनते ही यह मान लेती हैं कि उनमें ही कोई कमी है या वे कमज़ोर हैं। डॉक्टर्स साफ करते हैं कि सी-सेक्शन का मतलब यह बिल्कुल नहीं होता है कि मां में कोई शारीरिक कमी है। सी-सेक्शन एक ज़रूरी चिकित्सीय प्रक्रिया है जो अक्सर मां और बच्चों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार सी-सेक्शन के बाद मदरहुड या मां बनने के अनुभव पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।