Edited By Mehak,Updated: 18 Oct, 2025 01:37 PM

भारत सरकार के पैसों का पूरा हिसाब-किताब वित्त मंत्रालय, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से रखा जाता है। वित्त मंत्रालय बजट तैयार करता है और धन का वितरण करता है। CAG सरकारी खर्च का स्वतंत्र लेखा-जोखा रखता है...
नेशनल डेस्क : जब भारत सरकार टैक्स वसूलती है, ऋण लेती है या विदेशी सहायता प्राप्त करती है, तो इसका हर रूप का लेखा-जोखा रखा जाता है। सरकार के धन का सही इस्तेमाल और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तीन प्रमुख संस्थाएं काम करती हैं – वित्त मंत्रालय, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)।
वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी
वित्त मंत्रालय देश के वित्तीय प्रबंधन का मुख्य अंग है। यह सेंट्रल बजट तैयार करता है, जिसमें वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अपेक्षित आय और व्यय का पूरा विवरण होता है। मंत्रालय यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न विभागों और कल्याणकारी योजनाओं में धन सावधानीपूर्वक वितरित किया जाए। इसके अलावा यह आर्थिक नीतियां बनाता है, टैक्स इकट्ठा करता है और सरकारी ऋण का प्रबंध करता है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
CAG एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है, जो सरकार के सभी राजस्व और व्ययों का लेखा-जोखा रखता है। यदि कहीं कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो यह विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर संसद में प्रस्तुत करता है। CAG की रिपोर्ट सार्वजनिक होती है, जिससे संसद और नागरिक सरकार को जवाबदेह ठहरा सकते हैं। इसके आधार पर भ्रष्टाचार या घोटाले की जांच भी होती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
भारतीय रिजर्व बैंक सरकार का बैंकर है। यह सरकार के सभी खातों को संभालता है, सार्वजनिक ऋण का प्रबंध करता है और वित्तीय लेनदेन को आसान बनाता है। जब भी सरकार को कोई भुगतान या धन प्राप्त होता है, यह आरबीआई के माध्यम से ही होता है।