Edited By Rahul Rana,Updated: 20 Jun, 2025 08:21 PM

जम्मू-कश्मीर की नदियों के अतिरिक्त जल को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान भेजे जाने के लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर के प्रस्ताव पर सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अहम बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को राज्य के पानी के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार की...
National Desk : जम्मू-कश्मीर की नदियों के अतिरिक्त जल को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान भेजे जाने के लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर के प्रस्ताव पर सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अहम बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को राज्य के पानी के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार की योजना पर कहा कि अभी वह अपना पानी दूसरों को नहीं देंगे। उमर ने कहा कि पहले हमें अपने पानी का पूरा इस्तेमाल करने का हक मिलना चाहिए क्योंकि जम्मू के नलों में खुद पानी नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि जब उनके सूबे को जरूरत थी तब पंजाब ने भी उन्हें पानी नहीं दिया था।
"पंजाब को नहीं देंगे पानी" : अब्दुल्ला
उमर ने यह भी संकेत दिया कि राज्य में पानी की वास्तविक कमी है "जम्मू के नलों में पानी नहीं आ रहा"। ऐसे में वह क्यों पानी भेजें? उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर को जल की आवश्यकता थी, तब पंजाब के उझ प्रोजेक्ट और शाहपुर कंडी बैराज से कोई मदद नहीं मिली। ऐसे में राज्य अपनी प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद ही अन्य जगहों पर जल भेजने पर विचार करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू शहर को चेनाब नदी से पानी उपलब्ध कराने और तुलबुल बैराज परियोजना पर काम चल रहा है, ताकि अगले चरण में पीने का पानी सुनिश्चित किया जा सके।
यह भी पढ़े : क्यों पीएम मोदी ने ट्रंप का न्योता ठुकरा दिया? ओडिशा आकर जनता के बीच किया खुलासा
‘राब्ता’ ऑफिस से बेहतर जन-सरकार संवाद की शुरुआत
जम्मू में 'राब्ता' कार्यालय का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र उन शिकायतों का त्वरित समाधान करेगी, जो लोगों द्वारा भेजी जाती हैं। इसका उद्देश्य ज़मीनी तौर पर जनता के मुद्दों का जवाब देना और शासन में पारदर्शिता लाना है। उमर ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य दर्जा दिलाने का अपना वादा पूरा करेंगे—जैसा कि सोनमर्ग और अन्य जगहों पर उन्होंने आश्वासन दिया था।