राष्ट्रपति के अंगरक्षक सिर्फ इन 3 जातियों के क्यों?, हाईकोर्ट का मोदी सरकार को नोटिस

Edited By Updated: 26 Dec, 2018 06:22 PM

why the president s bodyguards are just for these 3 races

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और थलसेना प्रमुख को एक नोटिस जारी किया है। नोटिस में राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती में केवल तीन जातियों को ही शामिल किया जा रहा है। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और संजीव नरूला की बेंच ने याचिका पर रक्षा मंत्रालय,...

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और थलसेना प्रमुख को एक नोटिस जारी किया है। नोटिस में पूछा गया है कि राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती में केवल तीन जातियों को ही क्यों शामिल किया जा रहा है। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और संजीव नरूला की बेंच ने याचिका पर रक्षा मंत्रालय, सेनाध्यक्ष, राष्ट्रपति के अंगरक्षक निदेशक और सेना भर्ती के कमांडेंट को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने सभी को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
PunjabKesariदिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 मई 2019 रखी है। शुक्रवार को धारूहेड़ा निवासी युवक गौरव यादव की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस ऑफ मोशन जारी किया है। अब फरवरी में केंद्र सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखकर इस बात का जवाब देना होगा कि आखिर राष्ट्रपति के अंगरक्षक नियुक्त होने का अधिकार सिर्फ तीन जातियों के जवानों को ही क्यों दिया जा रहा है?

PunjabKesariअदालत हरियाणा निवासी गौरव यादव ने राष्ट्रपति के अंगरक्षक की 4 सितंबर, 2017 हुई भर्ती पर सवाल खड़े किए थे। इस भर्ती में केवल तीन जातियों - जाटों, राजपूतों और जाट सिखों को भर्ती के लिए आमंत्रित किया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अहीर / यादव जाति से संबंधित है और राष्ट्रपति के अंगरक्षक भर्ती के सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करता है। सिर्फ जाति को छोड़कर। उसे इस पद के लिए भर्ती किया जाए।

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