AI के कारण 800 करोड़ से सिर्फ10 करोड़ रह जाएगी दुनिया, खत्म होगा पारिवारिक सिस्टम- एक्सपर्ट का दावा

Edited By Anu Malhotra,Updated: 03 Jun, 2025 03:33 PM

world population 8 billion year 2300  year 2380 prof kak  ai

प्रो. काक के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आने वाले समय में इंसानों के लिए बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी लेकर आएगी। जैसे-जैसे रोबोट और एआई इंसानों की जगह काम करने लगेंगे, वैसे-वैसे लोग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का शिकार होंगे। इस अनिश्चितता के...

नेशनल डेस्क: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज जहां पृथ्वी पर 800 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं, वहीं आने वाले कुछ सौ वर्षों में यह संख्या घटकर सिर्फ 10 करोड़ रह जाए? यह कोई साइंस फिक्शन नहीं, बल्कि अमेरिका के प्रतिष्ठित ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी में कार्यरत प्रोफेसर सुभाष काक का विश्लेषणात्मक दावा है।

इंसानों के लिए बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी
प्रो. काक के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आने वाले समय में इंसानों के लिए बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी लेकर आएगी। जैसे-जैसे रोबोट और एआई इंसानों की जगह काम करने लगेंगे, वैसे-वैसे लोग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का शिकार होंगे। इस अनिश्चितता के माहौल में लोग बच्चे पैदा करने से कतराएंगे, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के लिए सुरक्षित और स्थिर भविष्य की गारंटी नहीं दिखेगी। यही मानसिकता जनसंख्या में तेज़ गिरावट की सबसे बड़ी वजह बनेगी।

क्या सच में 800 करोड़ से घटकर 10 करोड़?
वर्तमान में दुनिया की आबादी लगभग 8 अरब (800 करोड़) है। प्रोफेसर काक का अनुमान है कि वर्ष 2300 या 2380 तक यह संख्या घटकर महज 10 करोड़ तक सिमट सकती है — यानी 98.75% की गिरावट! कई वैश्विक शोध यह इंगित कर चुके हैं कि वर्ष 2050 के बाद दुनियाभर में जन्मदर में स्थिरता आएगी और उसके बाद तेज़ गिरावट शुरू हो जाएगी। वर्ष 2100 तक अधिकांश विकसित देशों में आबादी सिकुड़ने लगेगी, लेकिन काक के अनुसार, यह प्रक्रिया अपेक्षा से कहीं अधिक तेज़ हो सकती है।

 न्यूक्लियर वॉर नहीं, टेक्नोलॉजी बनेगी वजह
जहां कई लोग जनसंख्या संकट को युद्ध, महामारी या पर्यावरणीय तबाही से जोड़ते हैं, वहीं प्रोफेसर काक की थ्योरी कुछ अलग है। उनका कहना है कि इस गिरावट की वास्तविक वजह एआई और ऑटोमेशन होगी। जैसे-जैसे AI नौकरियों को हथियाएगा, वैसे-वैसे इंसानों के मन में भविष्य को लेकर असुरक्षा और डर बढ़ेगा — और यही डर लोगों को बच्चों से दूर कर देगा।

 The Age of AI के लेखक की चेतावनी
प्रो. काक, जो कि The Age of Artificial Intelligence नामक पुस्तक के लेखक भी हैं, मानते हैं कि भविष्य की यह तस्वीर समाज के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में उन्होंने कहा,  अभी हमें शायद ये भी नहीं पता कि हमें किस दिशा में बढ़ना है। AI संवेदनशील नहीं है, लेकिन यह हमसे हमारे काम जरूर छीन सकता है। 

 कम होते बच्चे, खाली होती दुनिया
काक का तर्क है कि बेरोजगारी का डर, जीवन की अस्थिरता, और भविष्य की अनिश्चितता लोगों को यह सोचने पर मजबूर करेगी कि ज्यादा बच्चे पालना सही नहीं। परिणामस्वरूप, पूरी मानव सभ्यता एक ऐसी दिशा में जा सकती है जहां जनसंख्या घटती जाएगी, और शहर वीरान, स्कूल खाली, और सड़कें शांत हो जाएंगी।

क्या वाकई ऐसा होगा?
ये आंकड़े और भविष्यवाणियां चौंकाने वाली जरूर हैं, लेकिन इन्हें समझदारी से देखने की जरूरत है। भविष्य की जनसंख्या हमारे आज के टेक्नोलॉजिकल फैसलों, सामाजिक मूल्यों और नीतियों पर निर्भर करेगी। अगर AI को इंसान के साथ तालमेल में विकसित किया गया, तो यह सहयोगी बन सकता है, प्रतिस्पर्धी नहीं।

मशीनें गूंजेंगी और इंसानी आवाजें गायब हो जाएंगी
2300 की दुनिया कैसी होगी — यह तय करने की ज़िम्मेदारी हमारी पीढ़ियों की है। क्या हम तकनीक को इंसानियत के हित में ढाल पाएंगे, या फिर एक ऐसी दुनिया की ओर बढ़ेंगे जहां मशीनें गूंजेंगी और इंसानी आवाजें गायब हो जाएंगी?

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!