भूखे तड़प-तड़पकर मर रहे लोग, करोड़ों का कर्ज…जानें फकीर पाकिस्तान के पास कितने दिन का बचा है खाना?

Edited By Updated: 09 May, 2025 05:36 PM

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पाकिस्तान, एक समय जो कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता था, आज गंभीर आर्थिक संकट और खाद्य सुरक्षा की समस्या से जूझ रहा है। जब दुनिया भर के देश आर्थिक मुश्किलों और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हैं, तो पाकिस्तान का हाल और भी बुरा है।

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान आज एक बेहद गंभीर संकट से गुजर रहा है, जहां भूखे लोग तड़प-तड़पकर मर रहे हैं। देश में खाद्य असुरक्षा और आर्थिक संकट का आलम यह है कि करोड़ों लोग बिना भोजन के जीने को मजबूर हैं। महंगाई, बाढ़, सूखा और विदेशी कर्ज ने पाकिस्तान को दीवार से सटाकर खड़ा कर दिया है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी और आयात-निर्यात की रुकावट के कारण पाकिस्तान के पास केवल तीन महीने का खाना खरीदने लायक पैसा बचा है। क्या पाकिस्तान इस कर्ज और संकट से उबर पाएगा, या फिर भूख और गरीबी में और वृद्धि होगी? जानिए पाकिस्तान की तंग स्थिति और उसकी आने वाली मुश्किलों के बारे में।

विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2025 तक पाकिस्तान के पास केवल 15.25 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार होगा, जिससे वह केवल 3 महीने का भोजन और पानी खरीदने के लायक है। इसके बाद पाकिस्तान के पास विदेशी कर्ज चुकाने का कोई तरीका नहीं होगा। अगले 12 महीनों में पाकिस्तान को 30 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है। ये आंकड़े यह बताते हैं कि पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति बेहद कमजोर है और यह संकट के समय भी बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहा है।

कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा संकट

पाकिस्तान एक कृषि प्रधान देश है, और उसका अधिकांश भोजन गेहूं, चावल, मक्का और गन्ने से आता है। 2024 में पाकिस्तान में गेहूं का उत्पादन 31.4 मिलियन मीट्रिक टन था, लेकिन 2025 में सर्दियों के मौसम में सूखा पड़ने की वजह से गेहूं का उत्पादन 11 से 35% तक कम हो सकता है। इसी तरह, चावल का उत्पादन भी घट सकता है। पाकिस्तान के खेतों की सिंचाई सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों से होती है, लेकिन भारत द्वारा सिंधु जल संधि तोड़ने के बाद पाकिस्तान को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

खाद्य असुरक्षा और भूखमरी

पाकिस्तान में खाद्य असुरक्षा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। लगभग 1.1 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा और भूखमरी का सामना कर रहे हैं। विशेष रूप से पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में लोग भूख से परेशान हैं। बाढ़, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक संकट ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है। 2024 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान 99वें स्थान पर था, जो कि बहुत चिंताजनक है।

महंगाई की मार

पाकिस्तान में महंगाई की दर पिछले कुछ वर्षों में बहुत बढ़ चुकी है। 2023 में भिंडी 460 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो, गोभी 250 रुपये प्रति किलो, आलू 99 रुपये प्रति किलो, प्याज 185 रुपये प्रति किलो, टमाटर 189 रुपये प्रति किलो, और लहसुन 650 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। इससे आम जनता की जिंदगी पर बुरा असर पड़ रहा है। जब खाद्य सामग्री की कीमतें इतनी ऊंची हो जाएं, तो यह निश्चित रूप से देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को और जटिल बना देता है।

विदेशी कर्ज और IMF से सहायता

पाकिस्तान की सरकार अब IMF (International Monetary Fund) से 1.3 बिलियन डॉलर का कर्ज मांग चुकी है, लेकिन IMF से कर्ज मिलना भी आसान नहीं है। पाकिस्तान के पास यह कर्ज चुकाने के लिए कोई स्थिर उपाय नहीं है और हर गुजरते दिन के साथ स्थिति और भी बिगड़ती जा रही है। यह संकट पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

पाकिस्तान का भारत से तनाव और अंतर्राष्ट्रीय स्थिति

जब पाकिस्तान अपनी आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है, तो ऐसे में भारत से तनाव बढ़ाने का कदम उसकी स्थिति को और भी मुश्किल बना सकता है। दुनिया भर के देश पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि आतंकवाद, राजनीतिक अस्थिरता और बाहरी संकटों के कारण पाकिस्तानी स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही है। आतंकवादी हमलों का डर और निर्यात पर पाबंदियां पाकिस्तान के लिए एक और मुश्किल खड़ी कर रही हैं।

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