Edited By ,Updated: 22 Aug, 2016 01:02 PM
कालेधन पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नकद लेन-देन का दायरा करने का फैसला किया है। सरकार 3 लाख रुपए से ज्यादा के नकदी लेन-देन पर पांबधी लगा सकती है।
नई दिल्लीः कालेधन पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नकद लेन-देन का दायरा करने का फैसला किया है। सरकार 3 लाख रुपए से ज्यादा के नकदी लेन-देन पर पांबधी लगा सकती है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) के सुझावों के मद्देनजर सरकार अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे काले धन पर कड़ा प्रहार करना चाहती है।
15 लाख से ज्यादा कैश रखने पर भी लग सकता है बैन
एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक उद्योग और व्यापार जगत की ओर से हो रहे भारी विरोध के बीच केंद्र सरकार को एस.आई.टी. के एक और सुझाव पर फैसला करना बाकी है। इस सुझाव में निजी तौर पर 15 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी रखने पर भी पाबंदी लगाने की बात कही गई है।
क्या है इसका मकसद
3 लाख रुपए की सीमा रखने का मकसद क्रैडिट या डैबिट कार्ड्स और चेक अथवा ड्राफ्ट्स के जरिए ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करना है ताकि इसका आसानी से पता लगाया जा सके। कालेधन के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहने के बावजूद अथॉरिटीज ने जूलरी और कार खरीद में नकदी लेन-देन के कई मामले पकड़े हैं। वित्त मंत्रालय प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। इसी के तहत सरकारी सेवाओं के लिए ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लेने की घोषणा की गई है।
ये कदम उठा चुकी है सरकार
सरकार प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन्स के लिए 20 हजार से ज्यादा कैश देने पर पहले ही बैन लगा चुकी है। सरकार ने ये फैसला तब लिया, जब कई अनअकाउंटेड कैश के लेन-देन की बात सामने आई थी। बैंक लोन के री-पेमेंट को लेकर इसी तरह की लिमिट तय की गई है। एस.आई.टी. ने सुझाव दिया था कि फ्रांस और इटली की तरह भारत में भी कैश ट्रांजैक्शन की सीमा तय की जाए। एस.आई.टी. का तर्क था कि 20 हजार से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन की स्थिति में अक्सर टैक्स कटने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।