इलेक्ट्रिक वाहन वित्तपोषण उद्योग के 2030 तक 3.7 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचने का अनुमान: रिपोर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Mar, 2021 10:27 AM

electric vehicle financing industry projected to reach rs 3 7 lakh

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) वित्त पोषण उद्योग के 2030 तक 3.7 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। यह मौजूदा खुदरा वाहन वित्त पोषण उद्योग का करीब 80 प्रतिशत है। नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट (आरएमआई) इंडिया की

नई दिल्लीः भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) वित्त पोषण उद्योग के 2030 तक 3.7 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। यह मौजूदा खुदरा वाहन वित्त पोषण उद्योग का करीब 80 प्रतिशत है। नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट (आरएमआई) इंडिया की ‘भारत में इलेक्ट्रिक वाहन के लिए वित्त पोषण जुटाना' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं को उच्च ब्याज दर, बीमा की उच्च दरें और मूल्य के अनुपात में कम ऋण जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

रिपोर्ट के अनुसार भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए संचयी रूप से ईवी, चार्जिंग स्टेशन और बैटरी में अगले दशक में 266 अरब डॉलर (19.7 लाख करोड़ रुपए) के पूंजी निवेश की जरूरत होगी। इसमें 10 समाधानों के लिए एक ‘टूलकिट' की पहचान की गई है जो वित्तीय संस्थान जैसे बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) के साथ उद्योग और सरकार आवश्यक पूंजी को उत्प्रेरित करने में अपना सकते हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत का इलेक्ट्रिक वाहन वित्तपोषण उद्योग 2030 में 3.7 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा जो देश के मौजूदा 60 अरब डॉलर (4.5 लाख करोड़ रुपये) आकार के खुदरा वाहन वित्त पोषण उद्योग का 80 प्रतिशत है।'' इसके अनुसार जिन 10 समाधानों की सिफारिश की गई है, उनमें वित्तीय उपाय के रूप में प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज और ब्याज सहायता शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश से देश को व्यापक स्तर पर आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण लाभ मिल सकता है।
 

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