ICICI Bank Minimum Balance: 50,000 बैलेंस नियम को लेकर सवालों के घेरे में आया ICICI बैंक, यूजर्स बरसे

Edited By Updated: 11 Aug, 2025 11:00 AM

icici bank comes under fire over rs 50 000 balance rule users lash out

देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई ने हाल ही में बैंक अकाउंट से जुड़ा बड़ा बदलाव किया है। बैंक ने मिनिमम बैलेंस की सीमा बढ़ा दी है, जिसके बाद वह सवालों के घेरे में आ गया है। अब इस फैसले की आलोचना मशहूर उद्योगपति और बैंकर उदय कोटक के...

बिजनेस डेस्कः देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई ने हाल ही में बैंक अकाउंट से जुड़ा बड़ा बदलाव किया है। बैंक ने मिनिमम बैलेंस की सीमा बढ़ा दी है, जिसके बाद वह सवालों के घेरे में आ गया है। अब इस फैसले की आलोचना मशहूर उद्योगपति और बैंकर उदय कोटक के बेटे तथा कोटक महिंद्रा बैंक में कॉन्ग्लोमरेट रिलेशनशिप्स (Conglomerate Relationships) संभाल रहे जय कोटक ने भी की है।

आईसीआईसीआई बैंक के नए नियम के तहत 1 अगस्त से मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में नया खाता खोलने वाले ग्राहकों को हर महीने औसतन ₹50,000 का बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। पुराने ग्राहकों के लिए यह सीमा पहले की तरह ₹10,000 ही रहेगी यानी नए खाताधारकों को पहले से कहीं अधिक राशि रखनी होगी। बैंक के इस फैसले ने ग्राहकों और विशेषज्ञों में नाराजगी पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर यूजर्स बैंक पर अमीरों को तरजीह देने और मिडिल क्लास पर अतिरिक्त बोझ डालने का आरोप लगा रहे हैं।

क्या कहा जय कोटक ने?

जय कोटक ने आईसीआईसीआई बैंक के नए नियम की आलोचना करते हुए इसे गलत करार दिया। उनका कहना है कि न्यूनतम बैलेंस सीमा बढ़ाने से मिडिल क्लास, खासकर वे लोग जिनकी मासिक आय ₹25,000 या उससे कम है, सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। उन्हें जुर्माने से बचने के लिए अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा बैंक में ही रखना पड़ेगा।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने लिखा कि यह नियम देश की आमदनी के वास्तविक स्तर को ध्यान में नहीं रखता। उन्होंने कहा, “हर भारतीय को वित्तीय सेवाओं तक समान पहुंच मिलनी चाहिए। भारत में 90% लोगों की आय ₹25,000 से कम है, ऐसे में ₹50,000 का न्यूनतम बैलेंस रखना मतलब है कि करीब 94% भारतीयों की मासिक कमाई बैंक में फंसी रहेगी, नहीं तो उन पर जुर्माना लगेगा।”

डिजिटल बैंकिंग पर फोकस

जय कोटक ने डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा देने की बात कही। उनके अनुसार, ये सेवाएं कम और मध्यम आय वाले ग्राहकों के लिए अधिक उपयुक्त हैं, क्योंकि बैंकों के लिए फिजिकल ब्रांच संचालन महंगा पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य डिजिटल बैंकिंग का है।

बढ़ती आलोचना

आईसीआईसीआई बैंक के इस नियम पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। यूजर्स इसे बैंक की मनमानी बताते हुए रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि ऐसे प्रावधानों से बैंक केवल अमीर ग्राहकों तक सीमित हो जाएगा। कई वित्तीय विशेषज्ञों ने भी इस कदम को सवालों के घेरे में रखा है। 

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