Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jun, 2025 11:32 AM

अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद एयरलाइन और विमान निर्माता कंपनी बोइंग दोनों पर भारी कानूनी और मुआवजे का दबाव बन सकता है। यूके के कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय विमानन कानून के तहत लापरवाही साबित होती...
बिजनेस डेस्कः अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद एयरलाइन और विमान निर्माता कंपनी बोइंग दोनों पर भारी कानूनी और मुआवजे का दबाव बन सकता है। यूके के कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय विमानन कानून के तहत लापरवाही साबित होती है, तो इन पर ‘अनलिमिटेड’ यानी असीमित जुर्माना लगाया जा सकता है।
बीमा सीमा से अधिक हो सकता है दावा
एक रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया के पास 1.5 अरब डॉलर का बीमा कवरेज है, जो लंदन के बीमा बाजार से दोबारा कराया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लापरवाही का प्रमाण मिलता है, तो दावा राशि इस बीमा सीमा से भी अधिक हो सकती है।
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के अनुसार एयरलाइन जिम्मेदार
अंतरराष्ट्रीय विमानन संधि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के अनुसार:
- एयरलाइन को दुर्घटना में हुई मौत या गंभीर चोट के लिए कम से कम 151,800 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) का मुआवजा देना होगा।
- वर्तमान दर के अनुसार, यह राशि प्रति व्यक्ति लगभग ₹1.82 करोड़ होती है।
- यह मुआवजा एयरलाइन की गलती साबित हुए बिना भी देना अनिवार्य है।
- यदि लापरवाही सिद्ध होती है, तो अतिरिक्त मुआवजे की भी मांग की जा सकती है।
दुर्घटना में 274 लोगों की गई जान
यह हादसा 12 जून को एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान के साथ हुआ था, जिसमें 241 यात्री व क्रू सवार थे, जिनकी मौत हो गई। जमीन पर मौजूद 33 लोग भी इस दुर्घटना में मारे गए। एयर इंडिया ने मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है।
DGCA ने बोइंग को दी क्लीन चिट
भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने प्रारंभिक जांच में बोइंग 787 को क्लीन चिट दी है लेकिन एयर इंडिया की रखरखाव व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। फिर भी यदि विमान निर्माण में कोई तकनीकी गड़बड़ी पाई जाती है, तो बोइंग पर भी अमेरिका और ब्रिटेन की अदालतों में असीमित देनदारी तय हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुई जांच
- यूके की कीस्टोन लॉ और शिकागो की विसनर लॉ फर्म ने इस हादसे की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है।
- विसनर लॉ 2020 के एयर इंडिया एक्सप्रेस हादसे में भी कानूनी सलाहकार रही है।
- पीड़ित परिवार अपने-अपने देश में भी मुआवजा दावा दाखिल कर सकते हैं और यूके की अदालतें उनकी उम्र, आय और पारिवारिक स्थिति को ध्यान में रखकर मुआवजा तय करेंगी।