दो साल बाद फिर उड़ान भरेगी Jet Airways! रिजॉल्यूशन प्लान को NCLT की मंजूरी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2021 02:35 PM

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निजी एयरलाइन जेट एयरवेज एक बार फिर से उड़ान भरने को तैयार है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने जेट एयरवेज के लिए कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान के रिजॉल्यूशन प्लान को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। कालरॉक कैपिटल और

बिजनेस डेस्कः निजी एयरलाइन जेट एयरवेज एक बार फिर से उड़ान भरने को तैयार है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने जेट एयरवेज के लिए कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान के रिजॉल्यूशन प्लान को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान ने जेट एयरवेज के लिए सफल बोली लगाई थी। रिजॉल्यूशन प्लान के अंतर्गत NCLT ने डायरेक्‍टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एविएशन मिनिस्‍ट्री (उड्डयन मंत्रालय) को कर्जें से जूझ रही जेट एयरवेज को स्‍लॉट अलॉट करने के लिए 90 दिन का वक्‍त किया है। 

सूत्रों के अनुसार, हालांकि जेट एयरवेज को उसके घरेलू और इंटरनेशनल रूट दिए जाने की समस्‍या अभी तक अनसुलझी है। कैलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने अगले पांच वर्ष में बैंकों, वित्‍तीय संस्‍थाथाओं और कर्मचारियों को 1200 करोड़ रुपए के भुगतान का प्रस्‍ताव रखा है, इसकी 30 विमानों के साथ जेट एयरवेज की फुल सर्विस एयरलाइन के तौर पर स्‍थापित करने की योजना है।

कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान की बोली को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने पिछले साल अक्टूबर में मंजूरी दी थी। इन दोनों के पास एयरलाइन संचालन का कोई अनुभव नहीं है। Kalrock Capital ब्रिटेन की एसेट मैनेजमेंट कंपनी है जबकि मुरारी लाल जालान यूएई के उद्यमी हैं। रिजॉल्यूशन प्लान के मुताबिक सफल बोलीकर्ता ने जेट एयरवेज के रिवाइवल के लिए 1,375 करोड़ रुपए कैश निवेश करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें कहा गया है कि एनसीएलटी की मंजूरी मिलने के बाद 6 महीने के भीतर 30 एयरक्राफ्ट्स के साथ एयरलाइन फिर से कामकाज शुरू कर देगी।

कब हुई थी बंद
नरेश गोयल ने 25 साल पहले जेट एयरवेज की स्थापना की थी। भारी घाटे और कर्ज के कारण जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में बंद हो गई थी। उस समय कंपनी के प्रमोटर नरेश गोयल को 500 करोड़ रुपये की जरूरत थी, लेकिन वे इसे जुटा नहीं पाए। हालात यह हो गई कि कंपनी कर्मचारियों की सैलरी और अन्य खर्च भी नहीं निकल पा रही थी। जेट एयरवेज बंद होने के बाद इसके करीब 17 हजार कर्मचारी सड़क पर आ गए थे। इसके बाद जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने नरेश गोयल को कंपनी के बोर्ड से हटा दिया था। कंपनी को जून 2019 में रिजॉल्यूशन प्रोसेस में भेजा गया था।
 

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