Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Oct, 2022 04:27 PM
कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल द्वारा समूह की विभिन्न इकाइयों को वित्त वर्ष 2019-20 में दिए गए कर्ज से कंपनी पर 1,755 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय बोझ पड़ा है। दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही रिलायंस कैपिटल के प्रशासक को सौंपी गई लेनदेन ऑडिटर...
नई दिल्लीः कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल द्वारा समूह की विभिन्न इकाइयों को वित्त वर्ष 2019-20 में दिए गए कर्ज से कंपनी पर 1,755 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय बोझ पड़ा है। दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही रिलायंस कैपिटल के प्रशासक को सौंपी गई लेनदेन ऑडिटर की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत नियुक्त रिलायंस कैपिटल के प्रशासक ने कंपनी के लेनदेन से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए लेनदेन ऑडिटर बीडीओ इंडिया एलएलपी से सहायता ली है। रिलायंस कैपिटल ने शुक्रवार को दायर कई नियामकीय सूचना में कहा कि लेनदेन ऑडिटर की टिप्पणियों के आधार पर प्रशासक ने 22 अक्टूबर को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के समक्ष कुल सात कंपनियों को भुगतान के संबंध में आवेदन दायर किया है।