Big Banking News: जनवरी से लागू होना था नया चेक क्लियरेंस सिस्टम, RBI ने अचानक बदला फैसला

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 12:57 PM

new check clearing was supposed to be implemented from january

जनवरी 2026 से बैंकिंग सिस्टम में एक बड़ा बदलाव लागू होने वाला था, जिससे चेक के जरिए भुगतान करने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद थी। योजना यह थी कि चेक जमा करने के तीन घंटे के भीतर उसके पास या रिजेक्ट होने का फैसला हो जाए और पैसा तेजी से...

बिजनेस डेस्कः जनवरी 2026 से बैंकिंग सिस्टम में एक बड़ा बदलाव लागू होने वाला था, जिससे चेक के जरिए भुगतान करने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद थी। योजना यह थी कि चेक जमा करने के तीन घंटे के भीतर उसके पास या रिजेक्ट होने का फैसला हो जाए और पैसा तेजी से खाते में पहुंच जाए लेकिन ऐन वक्त पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस अहम बदलाव की डेडलाइन टाल दी है, जिससे बैंकिंग सेक्टर और ग्राहक दोनों चौंक गए हैं।

RBI का बड़ा फैसला

RBI ने 24 दिसंबर को जारी एक सर्कुलर में बताया कि तेज चेक क्लियरेंस सिस्टम के दूसरे चरण (Phase-2) को अगली सूचना तक स्थगित किया जा रहा है। यह चरण 3 जनवरी 2026 से लागू होना था।

Phase-2 के तहत बैंकों को चेक की इमेज मिलने के तीन घंटे के भीतर उसे मंजूर या नामंजूर करना अनिवार्य होता। तय समय में जवाब न देने पर चेक अपने आप क्लियर मान लिया जाता।

फिलहाल पुराने नियम ही लागू

  • RBI ने साफ किया है कि अभी चेक क्लियरेंस पहले चरण (Phase-1) के नियमों के तहत ही जारी रहेगा।
  • पहले से लागू निरंतर समाशोधन और निपटान (CCS) प्रणाली में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है।


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क्या है CCS सिस्टम और Phase-1 में क्या बदला?

RBI ने चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के तहत CCS सिस्टम लागू किया था, ताकि चेक क्लियरेंस को तेज और पारदर्शी बनाया जा सके। इसमें चेक की फिजिकल मूवमेंट की जरूरत नहीं होती, बल्कि उसकी डिजिटल इमेज और MICR डेटा के जरिए क्लियरिंग की जाती है।

4 अक्टूबर 2025 से लागू Phase-1 में—

  • दिनभर एक ही लगातार प्रेजेंटेशन विंडो शुरू की गई
  • बैंक जैसे ही चेक प्राप्त करता है, उसकी स्कैन कॉपी क्लियरिंग हाउस को भेज दी जाती है
  • ड्रॉई बैंक को दिन के अंत तक चेक पास या रिजेक्ट करना होता है
  • तय समय तक जवाब न आने पर चेक को अप्रूव मान लिया जाता है

Phase-2 से क्या बदलने वाला था?

Phase-2 में चेक प्रोसेसिंग के लिए तीन घंटे की सख्त समय-सीमा तय की जानी थी। इससे चेक क्लियरेंस और तेज हो जाता और ग्राहकों को उसी दिन या कुछ ही घंटों में पैसा मिल सकता था।

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डेडलाइन क्यों टली?

RBI ने डेडलाइन टालने की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई है लेकिन माना जा रहा है कि सभी बैंकों की तकनीकी तैयारी और सिस्टम की स्थिरता को लेकर अभी और समय चाहिए।

हालांकि, RBI ने चेक प्रोसेसिंग टाइमिंग में आंशिक बदलाव किया है—

  • प्रेजेंटेशन विंडो: सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक
  • अप्रूवल/रिजेक्शन का समय: शाम 7 बजे तक

अब आगे क्या?

Phase-2 के टलने से ग्राहकों को सुपरफास्ट चेक क्लियरेंस के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा। RBI ने संकेत दिया है कि नई तारीख की घोषणा अलग से की जाएगी। तब तक चेक क्लियरिंग मौजूदा नियमों के तहत ही होती रहेगी।
 

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