रीटेल क्षेत्र में मचेगा घमासान, रतन टाटा करने जा रहे हैं अंबानी से भी बड़ा धमाका!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Oct, 2020 05:05 PM

ratan tata will go on a rampage in the retail sector a bigger explosion

मुकेश अंबानी और रतन टाटा की दुनियाभर के कारोबारी जगत में गहरी पैठ है। अब भारतीय कारोबार जगत में अंबानी बनाम टाटा का सिक्का चलेगा। ठीक वैसे ही जैसे चीन में जैक मा और पोनी मा ने अलीबाबा और टेनसेंट के जरिए वहां के इंटरनेट बिजनेस पर पूरा अधिकार कर लिया...

बिजनेस डेस्कः मुकेश अंबानी और रतन टाटा की दुनियाभर के कारोबारी जगत में गहरी पैठ है। अब भारतीय कारोबार जगत में अंबानी बनाम टाटा का सिक्का चलेगा। ठीक वैसे ही जैसे चीन में जैक मा और पोनी मा ने अलीबाबा और टेनसेंट के जरिए वहां के इंटरनेट बिजनेस पर पूरा अधिकार कर लिया है। जैक मा और पोनी मा की चीनी जोड़ी ने अपने देश के इंटरनेट व्यवसायों के बड़े हिस्से पर पकड़ बनाई है। वहीं, यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत के 130 करोड़ लोगों के डेटा पर कंट्रोलिंग बिजनेस अंबानी-टाटा इन्हीं दो के बीच सिमट कर रह जाएगा।

खबर है कि टाटा ग्रुप एक सुपर ऐप लेकर आने वाली है जो चाइनीज वी चैट की तरह होगा। माना जा रहा है कि टाटा संस अपने सुपर ऐप के लिए वॉलमार्ट से हाथ मिला सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वॉलमार्ट 25 अरब डॉलर का निवेश टाटा ग्रुप में कर सकती है।

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टाटा के सुपर ऐप में सब कुछ होगा
टाटा ग्रुप इस ऐप की मदद से अपने फैशन, लाइफस्टाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, रीटेल, ग्रॉसरी, इंश्योरेंस, फाइनैंशल सर्विसेज जैसे बिजनेस को एक प्लैटफॉर्म पर लाएगी। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुपर ऐप पर डिजिटल कंटेट, एजुकेशनल कंटेट भी उपलब्ध होगा।

अंबानी को जियो का फायदा
मुकेश अंबानी और टाटा ग्रुप-दोनों के अपने-अपना फायदे हैं। मुकेश अंबानी को जियो के 40 करोड़ यूजर्स का फायदा है। इसके अलावा रिलायंस का रीटेल चेन भारत में सबसे बड़ा है। इसके करीब 12 हजार स्टोर्स हैं। रतन टाटा की बात करें तो टाटा ग्रुप के 100 से अधिक बिजनेस हैं। वह चायपत्ती से लेकर कार तक बनाती है। हर कैटिगरीज के बिजनेस के लिए कंप्लीट अलग-अलग सप्लाई चेन सिस्टम है।

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वॉलमार्ट के साथ करार तो फ्लिपकार्ट का मिलेगा फायदा
ऐसे में अगर टाटा ग्रुप एक ऐसा पोर्टल विकसित करती है जहां इसके वेंडर्स अपना सामान बेच सकते हैं तो इसका दायरा काफी बढ़ जाएगा। इन सब के बीच अगर वॉलमार्ट के साथ करार हो जाता है तो टाटा के पास फ्लिपकार्ट का समर्थन हासिल हो जाएगा। वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का 16 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था।

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टेलिकॉम सेक्टर से बाहर हो चुकी है टाटा
टाटा ग्रुप के सामने कुछ चुनौतियां हैं। वह टेलिकॉम बिजनेस से बाहर निकल चुकी है। अगर होती तो इस काम में फायदा होता। एयर इंडिया और एयरएशिया ग्रुप की हालत खराब है। अगर टाटा एविएशन सेक्टर में रहना चाहती है और एयर इंडिया जो कभी टाटा की कंपनी थी, उसे खरीदती है तो उसे बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत होगी। टाटा ग्रुप पर 20 अरब डॉलर यानी 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। मुकेश अंबानी ने हाल ही में RIL को नेट डेट फ्री किया है।

SPG की हिस्सेदारी खरीदने के लिए चाहिए बहुत पैसा
टाटा ग्रुप का शापूरजी पालोनजी मिस्त्री के साथ विवाद चल रहा है। ग्रुप ने SPG ग्रुप से टाटा संस की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की बात की है। इसके लिए उसे अरबों डॉलर की जरूरत होगी। दूसरी तरफ रिलायंस की बात करें तो मुकेश अंबानी ने रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स पर अपनी निर्भरता घटा दी है। वर्तमान में रिफाइनिंग बिजनेस की हालत पूरी दुनिया में बहुत खराब है।
 

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