Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Mar, 2020 07:22 AM
शक्ति पूजा के महान पर्व नवरात्रि महोत्सव को एक प्रकार का विजयोत्सव माना गया है, जो देवी के द्वारा राक्षसों का वध कर उन पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। शक्ति का अर्थ है-
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शक्ति पूजा के महान पर्व नवरात्रि महोत्सव को एक प्रकार का विजयोत्सव माना गया है, जो देवी के द्वारा राक्षसों का वध कर उन पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। शक्ति का अर्थ है- ऊर्जा और देवी शक्ति का अर्थ है- अनदेखी ऊर्जा का मूल स्रोत जो इस रचना को बनाए रखता है। वर्ष 2020 में चैत्र नवरात्र 25 मार्च से 02 अप्रैल तक रहेगा। प्रतिपदा 24 मार्च को दोपहर बाद 2.57 सायंकाल पर शुरू होगी। 2 अप्रैल को अंतिम नवरात्रि होगा, साथ ही इस दिन प्रभु श्रीराम की जयंती यानी रामनवमी भी मनाई जाएगी।
अपने कुल देवी देवता की पूजा के साथ-साथ नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना अर्थात् घट स्थापना के साथ ही नवरात्रि की शुरूआत होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी तो नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। देवी के नौ रूप नौ विभिन्न गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। देवी के नौ रूपों में शक्ति, परिवर्तन, क्रोध, सौंदर्य, करूणा, भय और शक्ति जैसे गुणों को शामिल किया गया है। ये गुण प्रत्येक व्यक्ति में, विभिन्न घटनाओं में और इस ब्रह्मांड में समग्र रूप से परिलक्षित होते हैं।
शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना
आज 25 मार्च, बुधवार की प्रात: 6:19 से लेकर 7:17 तक समय शुभ है। इसके अतिरिक्त दोपहर 12:27 से लेकर 1:59 तक राहुकाल रहने वाला है। इस दौरान कलश स्थापना न करें। अन्य किसी भी समय की जा सकती है।