Edited By Jyoti,Updated: 28 Jul, 2018 11:13 AM
शनिवार के दिन शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है। लेकिन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां छिन्नमस्ता के पूजन का भी बहुत महत्व है।
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शनिवार के दिन शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है। लेकिन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां छिन्नमस्ता के पूजन का भी बहुत महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर शनिवार के दिन पूरी श्रद्धा से मां के मंत्रों का जाप किया जाए तो किसी भी तरह की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है क्योंकि मां छिन्ना सर्वसिद्धि को पूर्ण करने वाली माता दस महाविद्याओं में से एक हैं। इसके साथ ही व्यक्ति मां स्वयं अपने भक्त के दुश्मनो का संहार करती हैं।
छिन्नमस्तिका का अर्थ होता है बिना मस्तिष्क के। माता छिन्नमस्ता दया और ममता की पराकाष्ठा हैं। इसका उल्लेख मार्कंडेय पुराण व शिव पुराण में भी भली-भांति किया गया है | इनकी आराधना से तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त होती है। तो आईए जानते हैं इनका एक एेसा चमत्कारी मंत्र जिसके जाप बहुत ही फलदायी माना जाता है।
मंत्र- 'ॐ श्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीये ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा'
मन्त्रमहोदधि में देवी छिन्नमस्ता का यह सात अक्षरों का मंत्र बताया गया है। हिंदू धर्म के शास्त्रों वैसे तो इस मंत्र को चार लाख बार जाप करने का विधान है, लेकिन अगर कोई केवल 1000 मंत्रों का भी जाप करे तो उसके सारे बिगड़े काम जरूर बन जाते हैं।
परंतु इस मंत्र का जाप करते समय इस बात का ध्यान रहे कि इस मंत्र जाप से पहले देवी मां के यंत्र की स्थापना करके उसकी विधि-पूर्वक पूजा करें। इसके लिए सबसे पहले धातु आदि से बने यंत्र को तांबे के पात्र में रखकर या किसी साफ़-सुथरे साधारण पात्र में रखकर यंत्र को घी से स्नान कराएं। फिर उसके ऊपर दूध की धारा डालें। इसके बाद जल की धारा डालें। फिर साफ कपड़े से यंत्र को पोंछकर मंदिर में पुष्पों के ऊपर स्थापित करें। इसके बाद विधि-पूर्वक यंत्र की पूजा आदि करें और देवी मां का ध्यान करें। इस प्रकार ध्यान आदि के बाद यंत्र को नमस्कार करें और फिर देवी मां के विशेष मंत्र का जाप करें।
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