Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Oct, 2025 04:06 PM

Labh Panchami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, लाभ पंचमी हर वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व दीपावली के ठीक पांचवें दिन आता है। साल 2025 में लाभ पंचमी रविवार, 26 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन को सौभाग्य पंचमी,...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Labh Panchami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, लाभ पंचमी हर वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व दीपावली के ठीक पांचवें दिन आता है। साल 2025 में लाभ पंचमी रविवार, 26 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन को सौभाग्य पंचमी, ज्ञान पंचमी, और लाड़ली पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्यापारी वर्ग, गृहस्थ, विद्यार्थी और धन प्राप्ति की कामना करने वाले लोग विशेष रूप से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से पूरे वर्ष सौभाग्य, संपत्ति और सफलता बनी रहती है।
Significance of Labh Panchami लाभ पंचमी का महत्व
लाभ पंचमी का पर्व दीपावली के बाद आरंभ होने वाले नए व्यावसायिक वर्ष का प्रतीक है। दीपावली पर व्यापारी अपने पुराने बहीखाते (लेजर बुक्स) बंद करते हैं और नए खाते लाभ पंचमी के दिन खोलते हैं। इसीलिए इस दिन को नए आरंभ का शुभ दिन माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार, “लाभ पंचमी के दिन जो व्यक्ति विधिपूर्वक गणेश-लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके जीवन में अन्न, धन, समृद्धि और शुभ अवसरों की कभी कमी नहीं रहती।”
यह दिन विशेष रूप से व्यवसाय, व्यापार, निवेश, सौभाग्य, शिक्षा और धन प्राप्ति के लिए अत्यंत मंगलकारी माना गया है।

Labh Panchami Puja Vidhi लाभ पंचमी पूजा विधि
प्रातःकालीन तैयारी
लाभ पंचमी के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें।
स्वच्छ वस्त्र धारण करें, संभव हो तो पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें।
घर और पूजा स्थल को गंगा जल से शुद्ध करें।

लाभ पंचमी गणेश-लक्ष्मी पूजा की तैयारी
पूजा स्थान पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा शिवजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
दीपक जलाएं (घी या तिल के तेल का)।
कलश स्थापित करें और उसमें जल, सुपारी, आम का पत्ता, सिक्का और अक्षत डालें।
लाभ पंचमी पूजा क्रम
सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें और दिन की शुभ शुरुआत करें।
अब भगवान गणेश को सिंदूर, चंदन, फूल, दूर्वा और मोदक अर्पित करें।
भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और सफेद पुष्प चढ़ाएं।
माता लक्ष्मी को कमल पुष्प, लाल चुनरी, चांदी के सिक्के और सुगंधित धूप अर्पित करें।
भोग में हलवा, पूड़ी, खीर या मालपुआ अर्पित करें।
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
लाभ पंचमी आरती और संकल्प
“जय गणेश जय गणेश देवा” और “महालक्ष्मी जी की आरती” गाएं।
अंत में अपने व्यवसाय या घर की समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
पूजन के बाद परिवार के सभी सदस्य तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाएं।
