मां छिन्नमस्तिका चिंतपूर्णी पर श्रावण मेला 9 से 16 अगस्त तक रहेगा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Aug, 2021 06:53 AM

maa chintpurni temple

शक्तिपीठ उपासना भारतीय हिन्दू संस्कृति की गौरवमय धरोहर है। मां दुर्गा शक्ति स्वरूप की पूजा-अर्चना के पावन दिवस नवरात्र वर्ष में दो बार आते हैं। एक सावन शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होकर

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Himachal Pradeshs Mata Chintpurni temple: शक्तिपीठ उपासना भारतीय हिन्दू संस्कृति की गौरवमय धरोहर है। मां दुर्गा शक्ति स्वरूप की पूजा-अर्चना के पावन दिवस नवरात्र वर्ष में दो बार आते हैं। एक सावन शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होकर नवमी तक और दूसरे चैत्रमास की शुक्ल प्रतिपदा से राम नवमी तक। भारतीय उपमहाद्वीप में 52 विभिन्न स्थानों पर जहां-जहां सती के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए। हिमाचल में मुख्यत: चामुंडा देवी नंदीकेश्वर में, माता ब्रजेश्वरी देवी कांगड़ा में, मां ज्वाला जी ज्वालामुखी में, मां नयना देवी आनंदपुर साहिब में और मां छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में है जहां सावन में भारी मेला लगता है।

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मां चिंतपूर्णी के दरबार में हर वर्ष देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु नतमस्तक होने आते हैं। श्रद्धालुओं की सच्चे मन से की गई पुकार सुन कर मां उनकी चिंताओं का संहार करके उन्हें सुख-समृद्धि और सम्पन्नता का वरदान देती हैं। चिंतपूर्णी आने वाले भक्तों की संख्या में हर वर्ष बढ़ौतरी होती रहती है पर गत दो वर्षों से कोविड-19 के चलते लगे प्रतिबंधों के कारण इसमें कमी आई है।

सावन अष्टमी पर यहां 9 दिन लगातार मेला लगता है। इस दौरान जालंधर से चिंतपूर्णी तक मार्ग में जगह-जगह लंगर लगाने वाली संस्थाओं के स्वयं सेवक श्रद्धापूर्वक यात्रियों को प्रसाद वितरित करते हैं लेकिन इस बार प्रशासन ने मेला क्षेत्र में लंगर आदि लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है।

9 से 16 अगस्त तक लगने वाले मेले में आने वाले यात्रियों को कोई असुविधा न हो तथा सफाई और कानून व्यवस्था ठीक रहे, इसके लिए मंदिर प्रबंधन एवं प्रशासन के अधिकारीगण प्रयत्नशील हैं तथा जिलाधीश ऊना राघव शर्मा की अगुवाई में मेला सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।

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कोविड-19 नियमों का पालन
ए.डी.सी. डा. अमित कुमार अनुसार श्रावण अष्टमी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड नियमों का पूर्णत: पालन करना होगा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र 9 सैक्टरों में बांटा गया है। प्रत्येक में मैजिस्ट्रेट, एक उप-पुलिस अधीक्षक व अन्य कर्मचारी तैनात रहेंगे।

मेले में कानून व्यवस्था सही रखने के लिए एडीशनल सुपरिंटैंडैंट पुलिस (ऊना) के साथ 1000 पुलिस कर्मचारी व होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे।

आपात स्थिति से निपटने के लिए एक पुलिस कमांडो दस्ता गठित किया जाएगा।

मेले में आग्नेयास्त्र लेकर चलने तथा मंदिर क्षेत्र में नारियल, मौली, कंगन, ढोलक, चिमटा, स्पीकर आदि की मनाही होगी।

मेले में इस बार दुकानदारों को अस्थायी दुकानें लगाने तथा विभिन्न संस्थाओं व धर्मशालाओं को लंगर लगाने की अनुमति नहीं होगी।

होटलों में भी लंगर लगाने की आज्ञा नहीं दी जाएगी। प्लास्टिक व थर्मोकोल के इस्तेमाल पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मंदिर न्यास माता चिंतपूर्णी की ओर से यात्रियों के लिए लंगर की व्यवस्था की जाएगी।

मेले में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह अस्थायी सुलभ शौचालय बनाए जाएंगे।

श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य संबंधी निरीक्षण के लिए विभिन्न स्थानों पर अस्थायी डिस्पैंसरियां बनाई जाएंगी जहां नि:शुल्क दवा मिलेगी। बुजुर्ग या बीमार यात्रियों के लिए एम्बुलैंस और लिफ्ट की सेवा का प्रबंध होगा।

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दर्शन पर्ची : किसी भी यात्री को बिना पर्ची के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी। कुछ स्वार्थी लोग यात्रियों को गुमराह करते हैं कि हम दर्शन करवा देंगे, ऐसा बिल्कुल नहीं होगा।

दर्शन पर्ची प्राप्त करने के लिए ए.डी.जी. बिल्डिंग, एम.आर.सी. पार्किंग और लाला जगत नारायण धर्मशाला (पंजाब केसरी सराय), शीतला रोड पर काऊंटर होंगे।

बिजली आपूर्ति : बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए मंदिर न्यास माता चिंतपूर्णी द्वारा जैनरेटरों का प्रबंध भी किया जाएगा।

पार्किंग : चिंतपूर्णी आने वाले वाहनों की नि:शुल्क पार्किंग भरवाईं में होगी जिसका प्रबंध मंदिर न्यास बोर्ड माता चिंतपूर्णी करेगा।

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