Maharshi Panini story: जानें, कैसे बने पाणिनि संस्कृत व्याकरण के शिल्पकार

Edited By Updated: 04 May, 2025 03:53 PM

maharshi panini story

Maharshi Panini story: एक व्यक्ति ने अपने पुत्र को गुरुकुल में पढ़ाई करने के लिए भेजा। वह बालक गुरुकुल में पढ़ाई करने लगा। एक दिन गुरु जी ने उसे एक पाठ याद करने के लिए दिया, लेकिन उस बालक से पाठ याद नहीं हुआ।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Maharshi Panini story: एक व्यक्ति ने अपने पुत्र को गुरुकुल में पढ़ाई करने के लिए भेजा। वह बालक गुरुकुल में पढ़ाई करने लगा। एक दिन गुरु जी ने उसे एक पाठ याद करने के लिए दिया, लेकिन उस बालक से पाठ याद नहीं हुआ। गुरुजी को गुस्सा आ गया। उन्होंने सजा देने के लिए डंडा उठाया। बालक ने अपना हाथ आगे कर दिया।

PunjabKesari Maharshi Panini story

गुरुजी ज्योतिष के जानकार थे। उन्होंने जब उसका हाथ देखा, तो उसका गुस्सा शांत हो गया। एक दिन बालक ने गुरुजी से पूछा,  “गुरुजी आपने मुझे उस दिन दंड क्यों नहीं दिया?”

गुरुजी ने कहा, “बेटा तुम्हारे हाथ में विद्या की रेखा ही नहीं है। जब विद्या की रेखा ही नहीं है तो तुम पाठ कभी भी याद नहीं कर सकते हो। हो सकता है कि तुम आगे भी विद्या ग्रहण न कर पाओ।”

PunjabKesari Maharshi Panini story

इतना सुनते ही बालक ने कहा, “विद्या की रेखा नहीं हुई,तो क्या हुआ? मैं अभी इसे बना देता हूं। उसने एक नुकीला पत्थर लिया और उससे अपने हाथों पर विद्या की रेखा बना दी।” 

यही बालक आगे चलकर संस्कृत के महान विद्वान पाणिनि के नाम से प्रसिद्ध हुआ। प्रसंग का सार यह है कि विद्या अध्ययन करने के लिए रेखाओं की जरूरत नहीं होती, बल्कि सच्ची लगन, मेहनत, स्वयं पर विश्वास और कठिन परिश्रम की जरूरत होती है। जो लोग अपना भविष्य हाथों की चंद लकीरों के बल पर तय करते हैं वह जीवन में ज्यादा दूर तक नहीं पहुंच पाते हैं।

PunjabKesari Maharshi Panini story

 

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!