ये है परीक्षा अहिंसा और प्रजा कल्याण की, क्या आप होंगे इसमें सफल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Mar, 2023 10:47 AM

religious katha

महाराज मेघवाहन एक अत्यंत प्रतापी, न्यायप्रिय व परम दयालु राजा थे। एक बार वह जंगल से होकर गुजर रहे थे कि उन्हें

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Religious Katha: महाराज मेघवाहन एक अत्यंत प्रतापी, न्यायप्रिय व परम दयालु राजा थे। एक बार वह जंगल से होकर गुजर रहे थे कि उन्हें ‘मुझे बचाइए-मुझे बचाइए’, ऐसी वाणी सुनाई पड़ी। आवाज सुनकर उन्होंने रथ रोकने का आदेश दिया और आवाज की दिशा में प्रस्थान किया। उन्होंने देखा कि एक योद्धा नंगी तलवार हाथ में लिए किसी निरपराध प्राणी की बलि देने हेतु तैयार है। वह व्यक्ति महाराज से अपने प्राणों की भिक्षा मांगने लगा। महाराज ने उस व्यक्ति को प्राणरक्षा का आश्वासन दिया।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें  

योद्धा ने विवशता प्रकट करते हुए कहा, ‘‘पर मैं इसे छोड़ नहीं सकता। मेरा पुत्र घातक रोग से पीड़ित है, मरणासन्न है। उसके बचने का उपाय मनुष्य का बलिदान बताया गया है।’’

यह सुनकर महाराज सोच में पड़ गए। तभी उन्हें एक उपाय सूझा। महाराज मेघवाहन ने योद्धा से कहा, ‘‘मैं अपना बलिदान देने को तैयार हूं, इससे उस निरपराध व्यक्ति और तुम्हारे बालक दोनों की रक्षा हो जाएगी।’’

योद्धा यह सुनकर कांपने लगा, उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया। तब महाराज स्वयं ही अपनी बलि देने हेतु तत्पर हो गए। ज्यों ही उन्होंने तलवार उठाई, एक दिव्य पुरुष प्रकट हो गया। शेष सब कुछ अदृश्य हो गया।

दिव्य पुरुष बोले, ‘‘मैं वरुण देव हूं, आपके अहिंसा व्रत और प्रजापालन की परीक्षा ले रहा था। आप धन्य हैं। आप अपनी परीक्षा में सफल हुए। वरुण देव उन्हें सभी कामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद देकर अंतर्ध्यान हो गए।

PunjabKesari kundli
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!