Saturn Rise 2023: 5 मार्च हो रहे हैं शनिदेव उदय, वृष राशि को नहीं मिलेगा भाग्य का साथ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Mar, 2023 09:12 AM

आज बात करेंगे शनि देव के बारे में। शनि देव ने 17 जनवरी को गोचर किया था कुंभ राशि में और उसके बाद कुछ राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई है और कुछ राशियों के ऊपर से

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Shani rashi parivartan शनि राशि परिवर्तन: आज बात करेंगे शनि देव के बारे में। शनि देव ने 17 जनवरी को गोचर किया था कुंभ राशि में और उसके बाद कुछ राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई है और कुछ राशियों के ऊपर से शनि का प्रभाव कम हुआ है। 17 के बाद 30 को शनि अस्त हो गए और अब दोबारा से 5 मार्च को उदय होंगे और ये गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण होगा क्योंकि 30 साल बाद शनि कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि देव की दो राशियां हैं एक मकर और कुंभ राशि और शनिदेव का प्रिय घर कुम्भ राशि है। शनि का उदय होना इसलिए ज्यादा अहम है क्योंकि शनि 31 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश के दौरान शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शनिदेव जब राहु के नक्षत्र में जाएंगे तो पूरे प्रभावी हो जाएंगे। शतभिषा नक्षत्र कर्म फल देने वाला नक्षत्र है। इसके अच्छे फल देखने को मिलेंगे। 15 अक्टूबर तक शनि इसी नक्षत्र में रहेंगे। इसके बाद फिर धनिष्ठा में जाएंगे और 24 नवंबर को दोबारा शतभिषा में आएंगे। इस नक्षत्र में रहने के दौरान शनि कर्म के हिसाब से फल देंगे।

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वृष राशि:
बात करेंगे वृषभ राशि के जातकों के बारे में कि इनके ऊपर गोचर का कैसा प्रभाव रहेगा। वृष राशि के जातकों के लिए शनि देव योगा कारक ग्रह हैं। आपको कुंडली में शनिदेव भाग्य स्थान के भी स्वामी हैं। शनि ही आपकी कुंडली में बाधक ग्रह हैं। शनि का गोचर आपकी कुंडली में दसवें भाव से हो रहा है। ये शुभ गोचर नहीं है। यदि शनि देव की महादशा चल रही है तो आपको ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए। शनिदेव यहां पर आकर शतभिषा नक्षत्र में गोचर करेंगे। 15 मार्च के बाद 6 अप्रैल तक इसी नक्षत्र में गोचर करेंगे। यदि आपके अपने जीवन में कोई अच्छे कर्म किए हैं तो निश्चित तौर पर आपको शुभ फल देखने को मिलेंगे।

शनि दशम में गोचर कर रहे हैं तीसरी दृष्टि पड़ रही है बाहरवें भाव के ऊपर। बाहरवां भाव खर्चे का भाव है। वृष राशि के जातकों के खर्चे बढ़ सकते हैं। अनिद्रा से सम्बन्धित कोई दिक्कत हो सकती है। खान-पान पर ध्यान दें। ड्रिंकिंग और स्मोकिंग से थोड़ा परहेज करें। शनिदेव दसवें भाव में बैठकर चौथे भाव को देख रहे हैं। जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनको दिक्कत देखनी पड़ सकती है। बुरी आदतों से दूर रहें। शनिदेव की आखिरी दृष्टि पड़ेगी सप्तम स्थान के ऊपर। जो लोग पार्टनरशिप में काम करते हैं तो पार्टनर के साथ तालमेल में कमी आ सकती है।
 
नरेश कुमार
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