Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Mar, 2023 09:36 AM
शनि देव ने 17 जनवरी को गोचर किया था, कुंभ राशि में और उसके बाद कुछ राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई है और कुछ राशियों के ऊपर से शनि का प्रभाव कम हुआ है। 17 के बाद 30 को शनि अस्त हो गए और अब दोबारा से 5 मार्च को उदय हो चुके हैं और
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Shani rashi parivartan शनि राशि परिवर्तन: शनि देव ने 17 जनवरी को गोचर किया था, कुंभ राशि में और उसके बाद कुछ राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई है और कुछ राशियों के ऊपर से शनि का प्रभाव कम हुआ है। 17 के बाद 30 को शनि अस्त हो गए और अब दोबारा से 5 मार्च को उदय हो चुके हैं और ये गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण होगा क्योंकि 30 साल बाद शनि कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि देव की दो राशियां है मकर और कुंभ राशि और शनिदेव का प्रिय घर कुम्भ राशि हैं। शनि का उदय होना इसलिए ज्यादा अहम हैं क्योंकि शनि 31 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश के दौरान शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शनिदेव जब राहु के नक्षत्र में जाएंगे तो पूरे प्रभावी हो जाएंगे। शतभिषा नक्षत्र कर्म फल देने वाला नक्षत्र है। इसके अच्छे फल देखने को मिलेंगे। 15 अक्टूबर तक शनि इसी नक्षत्र में रहेंगे। इसके बाद फिर धनिष्ठा में जाएंगे और 24 नवंबर को दोबारा शतभिषा में आएंगे। इस नक्षत्र में रहने के दौरान शनि कर्म के हिसाब से फल देंगे।
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मीन राशि: मीन राशि एक ऐसी राशि है जिस पर शनि की साढ़ेसती का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मीन राशि के पंचम में चन्द्रमा की राशि आ जाती है कर्क। यदि त्रिकोण में शनि या चंद्रमा की राशि हो तो शनि की साढ़ेसाती का असर नहीं होता है। मीन राशि जल तत्व की राशि है। यहां पर शनि आकर ठंडे हो जाते हैं। शनि आपकी कुंडली में बारहवें भाव से गोचर कर रहे हैं। कुछ चीजों से सावधान रहने की जरूरत हैं। शनि आपकी कुंडली में दो भावों के मालिक हैं ग्यारहवीं और बाहरवें। यदि महादशा या अंतर्दशा चल रही है तो आय के साथ-साथ खर्चे भी होंगे। जब शनि बारहवें भाव में गोचर करते हैं तो दूसरे भाव को देखते है तीसरी दृष्टि के साथ। दूसरा भाव धन स्थान, कुटुंब का भाव है। यदि आपका ससुराल पक्ष वालों के साथ कोई मनमुटाव चल रहा है तो उसे खत्म कर दें। खर्चा बढ़ने की भी संभावना है। जिन लोगों को ड्रिंकिंग या स्मोकिंग करने की आदत है तो इससे दूर रहें। मुंह से सम्बन्धित कोई दिक्कत हो सकती है। किसी को कर्ज लेने और देने से बचें। शनिदेव की दसवीं दृष्टि जाती है भाग्य स्थान के ऊपर। यदि आपका कोई काम चल रहा है तो उसमें धीमापन देखने को मिल सकता है।
नरेश कुमार
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