Edited By Sarita Thapa,Updated: 31 Aug, 2025 02:50 PM

Secrets Of Jagannath Temple: ओडिशा के पुरी में स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। जगन्नाथ भारत का बहुत प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर है। हजारों भक्त यहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
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Secrets Of Jagannath Temple: ओडिशा के पुरी में स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। जगन्नाथ भारत का बहुत प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर है। हजारों भक्त यहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। लेकिन मंदिर के अंदर एक अनोखी परंपरा देखी जाती है, जो कई लोगों के लिए रहस्यमय बनी हुई है। मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर श्रद्धालु कभी भी अपने पैर नहीं रखते। यह नियम केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि इसके पीछे एक गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक विश्वास छिपा हुआ है। कहते हैं कि इस सीढ़ी का खास महत्व है और इसे पवित्र माना जाता है, इसलिए श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और सम्मान दिखाने के लिए यहां पैर नहीं रखते। तो आइए जानते हैं इसके पीछे छुरी परंपरा के बारे में-
तीसरी सीढ़ी की खासियत
जगन्नाथ मंदिर की सीढ़ियां कुल मिलाकर लगभग 22 हैं। परंपरा के अनुसार, जब श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह के निकट पहुंचते हैं, तो वे तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने से बचते हैं। ऐसा माना जाता है कि तीसरी सीढ़ी भगवान जगन्नाथ के लिए विशेष महत्व रखती है।
पवित्रता और सम्मान की परंपरा
मंदिर की सीढ़ियां भगवान जगन्नाथ के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक हैं। तीसरी सीढ़ी को विशेष पवित्र माना जाता है क्योंकि इसे भगवान की विशेष स्थान के रूप में देखा जाता है। इसलिए श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और विनम्रता दिखाने के लिए उस सीढ़ी पर पैर नहीं रखते।

धार्मिक मान्यता
पुरानी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तीसरी सीढ़ी भगवान जगन्नाथ की दिव्य ऊर्जा से प्रभावित होती है। इसे भगवान की विशेष आशीर्वाद वाली सीढ़ी माना जाता है। इसलिए इसे साफ और पवित्र रखना आवश्यक माना जाता है।
मंदिर की खास परंपरा
मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को यह नियम बताया जाता है ताकि वे पूरी श्रद्धा के साथ तीर्थयात्रा करें।
यह नियम मंदिर की सुरक्षा और पवित्रता बनाए रखने में भी मदद करता है।
तीसरी सीढ़ी का पवित्र नियम मंदिर के अंदर भक्तों के व्यवहार और मानसिक स्थिति पर एक सकारात्मक प्रभाव डालता है।
