Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 May, 2025 02:29 PM

वास्तु शास्त्र में घर के प्रत्येक हिस्से का विशेष महत्व है, खासकर पूजा घर का। यह वह स्थान है जहां हम भगवान की आराधना करते हैं आत्मा को शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है।
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Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर के प्रत्येक हिस्से का विशेष महत्व है, खासकर पूजा घर का। यह वह स्थान है जहां हम भगवान की आराधना करते हैं आत्मा को शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है। सही दिशा, स्थान और रंग के साथ पूजा घर का निर्माण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूजा घर के रंग का चयन करते समय वास्तु नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। अगर सही रंगों का उपयोग किया जाए, तो यह न केवल मन को सुकून देता है बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति भी लाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रंगों का सीधा प्रभाव हमारे मन और वातावरण पर पड़ता है। पूजा घर में उपयोग किए जाने वाले रंगों का चयन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह स्थान आध्यात्मिकता और सकारात्मकता का केंद्र है। यदि रंग गलत चुने जाएं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है।
आइए जानते हैं पूजा घर के लिए कौन से रंग शुभ माने जाते हैं और क्यों।
सफेद रंग
सफेद रंग को वास्तु में शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। पूजा घर में सफेद रंग का उपयोग सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। दीवारों, छत और पूजा आसन के लिए सफेद रंग का प्रयोग करें।
हल्का पीला रंग
यह रंग गुरु का प्रतीक है और ध्यान में एकाग्रता को बढ़ाता है। दीवारों पर हल्का पीला या क्रीम रंग, साथ ही पूजा कक्ष की छत पर। पीले रंग के पुष्प और पर्दों का भी उपयोग किया जा सकता है।
हल्का गुलाबी रंग
गुलाबी रंग हृदय से जुड़ा है और भावनात्मक शांति को बढ़ावा देता है। पूजा घर में दीवारों पर हल्का गुलाबी रंग सकारात्मकता लाता है। गुलाबी फूलों का उपयोग पूजा स्थल के लिए करें।

हल्का नीला रंग
नीला रंग मन को शांत और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। हल्का नीला रंग दीवारों और पूजा आसनों में उपयोग करें।
नीले रंग के पर्दे और पवित्र जल पात्र का उपयोग कर सकते हैं।
पूजा घर में किन रंगों से बचें
काला रंग - पूजा घर में काले रंग का उपयोग वर्जित है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
गहरा लाल और गहरा नीला-यह रंग मानसिक अशांति और आक्रामकता को बढ़ावा देते हैं।
