Edited By Harman Kaur,Updated: 30 Aug, 2025 07:09 PM

क्या आप सुबह के नाश्ते में रोजाना व्हाइट ब्रेड खाते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए चिंता का विषय हो सकती है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि व्हाइट ब्रेड, जो मैदे से बनती है, आंतों और पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
नेशनल डेस्क: क्या आप सुबह के नाश्ते में रोजाना व्हाइट ब्रेड खाते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए चिंता का विषय हो सकती है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि व्हाइट ब्रेड, जो मैदे से बनती है, आंतों और पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
व्हाइट ब्रेड और कैंसर का रिश्ता
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि व्हाइट ब्रेड को बनाने की प्रक्रिया में इसके सारे फाइबर और पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, जिससे यह सेहत के लिए हानिकारक हो जाती है। कैंसर रिसर्च यूके की एक रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि व्हाइट ब्रेड और दूसरे रिफाइंड अनाज जैसे व्हाइट राइस और पास्ता, कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
दरअसल, रिफाइंड फूड्स खाने से शरीर में एसिडिक माहौल बनता है, जो कोलन कैंसर यानी आंतों के कैंसर को बढ़ावा दे सकता है। कोलन कैंसर में बड़ी आंतों में ट्यूमर बन जाते हैं, जो शरीर के लिए घातक होते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में पेट दर्द, कब्ज, दस्त, मल में खून आना और लगातार थकान शामिल हैं।
कैंसर से बचने के लिए क्या करें?
डाइट में बदलाव: व्हाइट ब्रेड और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें। अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें।
नियमित व्यायाम: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी बहुत ज़रूरी है।
बुरी आदतों से दूरी: शराब और धूम्रपान से दूर रहें, क्योंकि ये कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
व्हाइट ब्रेड की जगह क्या खाएं?
अगर आप ब्रेड खाना नहीं छोड़ सकते, तो व्हाइट ब्रेड की जगह मल्टीग्रेन ब्रेड खाना बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें फाइबर और पोषक तत्व ज़्यादा होते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों की राय है कि ब्रेड का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।