Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Apr, 2023 05:31 AM
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन और देश में हिंदू लड़कियों एवं महिलाओं के जबरन विवाह की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए समुदाय के कई सदस्यों ने यहां मार्च निकाला।
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन और देश में हिंदू लड़कियों एवं महिलाओं के जबरन विवाह की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए समुदाय के कई सदस्यों ने यहां मार्च निकाला। हिंदू संगठन ‘पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद' (पीडीआई) ने बृहस्पतिवार को कराची प्रेस क्लब के बाहर और सिंध विधानसभा भवन के प्रवेश द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया।
हिंदू लड़कियों का हो रहा अपहरण
पीडीआई के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हम खासकर ग्रामीण इलाकों में सिंधी हिंदुओं की इस समस्या पर ध्यान आकर्षित करना चाहते थे, जहां 12-13 साल की लड़कियों का दिन-दिहाड़े अपहरण कर लिया जाता है, उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकार करने पर मजबूर किया जाता है और फिर किसी अधिक उम्र के मुस्लिम से उनका विवाह करा दिया जाता है।'' उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को किए गए इस प्रदर्शन का कुछ प्रभाव देखने को मिला, क्योंकि बहुत से लोगों को इस अपराध के बारे में जानकारी भी नहीं थी।
प्रदर्शनकारी तख्तियां और बैनर लिए हुए थे
बहरहाल, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस प्रदर्शन में और अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद थी। प्रदर्शनकारियों से कुछ दूरी पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी खड़े रहे और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। प्रदर्शनकारी तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिनमें सरकार से हिंदू लड़कियों और महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ रुके हुए विधेयक को पारित करने का आग्रह किया गया था। सिंध प्रांत के विभिन्न जिलों में हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला 2019 में सिंध विधानसभा में उठाया गया था।
इससे संबंधित एक प्रस्ताव पर बहस हुई थी और कुछ विधानसभा सदस्यों ने कहा था कि इसे केवल हिंदू लड़कियों तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, जिसके बाद संशोधन करके इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया था, लेकिन जबरन धर्मांतरण को अपराध ठहराने वाले विधेयक को बाद में विधानसभा में खारिज कर दिया गया था। इसी तरह का विधेयक फिर से पेश किया गया था, लेकिन 2021 में इसे खारिज कर दिया गया।
मुस्लिम बहुल देश में 75 लाख हिंदू रहते हैं
इस साल जनवरी में, संयुक्त राष्ट्र के कम से कम 12 मानवाधिकार विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में कम उम्र की लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और उनके जबरन विवाह की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 1,000 लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराया जाता है। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, मुस्लिम बहुल देश में 75 लाख हिंदू रहते हैं।