Edited By Yaspal,Updated: 28 Jan, 2022 06:20 PM
रोना वायरस के सबसे पहले गढ़ चीन के वुहान शहर के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि एक नया कोरोना वायरस ''NeoCov'' दुनिया में दस्तक दे चुका है। यह नया कोरोना वायरस बहुत ही ज्यादा संक्रामक है और इससे संक्रमित प्रत्येक 3 में से 1 मरीज की मौत हो सकती...
इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के सबसे पहले गढ़ चीन के वुहान शहर के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि एक नया कोरोना वायरस 'NeoCov' दुनिया में दस्तक दे चुका है। यह नया कोरोना वायरस बहुत ही ज्यादा संक्रामक है और इससे संक्रमित प्रत्येक 3 में से 1 मरीज की मौत हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह नया कोरोना दक्षिण अफ्रीका में मिला है। हालांकि वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि यह नियोकोव कोरोना वायरस नया नहीं है। राहत की बात यह है कि नया कोरोना वायरस अभी इंसानों में नहीं फैला है।
चीन के अनुसंधानकर्ताओं ने इस बारे में आगाह किया है। यह अध्ययन प्रकाशन पूर्व संग्रह कोश बायोआरएक्सआईवी पर हाल में डाला गया है और इसकी समीक्षा की जानी अभी बाकी है। अध्ययन से यह पता चलता है कि नियोकोव ‘मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम' (मर्स) से करीबी रूप से संबद्ध है। विषाणु जनित इस रोग की पहली बार 2012 में सऊदी अरब में पहचान की गई थी।
कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा परिवार है, जो सामान्य सर्दी जुकाम से लेकर सार्स जैसे रोग का कारण बन सकता है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज और वुहान यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकताओं ने यह गौर किया है कि नियोकोव दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों के समूह में पाया गया है और यह इन जंतुओं में विशेष रूप से फैलता है। अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया कि अपने मौजूदा स्वरूप में नियोकोव मानव को संक्रमित नहीं करता है, लेकिन यदि यह और अधिक उत्परिवर्तित हुआ, तो यह संभवत: नुकसानदेह हो सकता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ‘‘इस अध्ययन में, हमने अप्रत्याशित रूप से पाया कि नियोकोव और इसके करीबी संबंधी पीडीएफ- 2180-कोव, मानव शरीर में प्रवेश करने के लिए कुछ प्रकार के बैट (चमगादड़) एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम 2 (एसीई 2) का प्रभावी रूप से उपयोग कर सकते हैं।'' एसीई 2 कोशिकाओं पर एक रिसेप्टर प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस को कोशिकाओं से जुड़ जाने और संक्रमित करने के लिए प्रवेश बिंदु प्रदान करता है।