पाकिस्तान से सामने आई चिंताजनक जानकारी, पड़ोसी मुल्क फिर से खड़े कर रहा है आतंकी अड्डे

Edited By Updated: 28 Jun, 2025 06:10 PM

pakistan is again setting up terrorist bases

भारतीय सुरक्षा बलों को सूत्रों के हवाले से पाकिस्तान को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तानी सरकार मिलकर उन आतंकवादी ढांचों को दोबारा खड़ा करने में लगी हुई हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने मई में...

नेशनल डेस्क: भारतीय सुरक्षा बलों को सूत्रों के हवाले से पाकिस्तान को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तानी सरकार मिलकर उन आतंकवादी ढांचों को दोबारा खड़ा करने में लगी हुई हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने मई में तबाह कर दिया था। खासकर PoK और उससे लगे इलाकों में इन गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है।

हाई-टेक मिनी-कैंप बनाने की रणनीति

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन और आईएसआई LoC के पास घने जंगलों में छोटे-छोटे और हाई-टेक आतंकी कैंप बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस रणनीति का उद्देश्य भारतीय सुरक्षा बलों की निगरानी और हमलों से बचना है। यह कदम भारतीय सेना के उस सफल अभियान के बाद उठाया गया है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया था।

किन इलाकों में हो रहा पुनर्विकास?

जिन कैंपों को दोबारा बनाया जा रहा है, वे लूनी, पुतवाल, टाइपू पोस्ट, जमीला पोस्ट, उमरनवाली, चपराल, फॉरवर्ड कहता, छोटा चक और जंगलोरा जैसे रणनीतिक इलाकों में स्थित हैं। जानकारी के अनुसार, अब इन शिविरों को उन्नत तकनीकों से लैस किया जा रहा है ताकि वे थर्मल इमेजर, फोलिएज पेनिट्रेटिंग रडार और सैटेलाइट से होने वाली निगरानी से बच सकें।

वहीं, पाक सेना और आईएसआई PoK में मौजूद 13 लॉन्चिंग पैड्स को भी दोबारा से विकसित (रिडेवलप) कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, ये लॉन्चिंग पैड केल इलाके, शारदी, दुधनियाल, अथमुगम, जूरा, लीपा वैली, पछिबन चमन, तन्डपानी, नयाली इलाके, जनकोट, चकोटी, निकैल और फॉरवर्ड कहुता में स्थित हैं।

इसके अलावा पाकिस्तान International Border पर भी चार आतंकी लॉन्च पैड्स को दोबारा सक्रिय करने में जुटा है। ये वही लॉन्च पैड्स और पाक रेंजर्स की रेगुलर पोस्ट हैं जिनको BSF ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के समय ध्वस्त कर दिया था। ये लॉन्च पैड मसरूर बड़ा भाई, चपराल, लूनी और शकरगढ़ में मौजूद ड्रोन सेंटर हैं।

 छोटे कैंप और आईएसआई की मीटिंग

आजतक को खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि आईएसआई ने अब बड़े कैंपों को छोटे-छोटे कैंपों में विभाजित करने की रणनीति अपनाई है। इसका मकसद किसी एक स्थान पर ज्यादा आतंकियों की मौजूदगी न होना है, ताकि अगर हमला हो तो नुकसान सीमित रहे।

प्रत्येक मिनी-कैंप की अलग सुरक्षा होगी, जिसकी निगरानी पाकिस्तान सेना के विशेष प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी करेंगे। ये गार्ड थर्मल सेंसर, लो-फ्रीक्वेंसी रडार सिस्टम और एंटी-ड्रोन उपकरणों से लैस होंगे। आईएसआई और आतंकी संगठनों के बीच भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक हालिया इंटरसेप्ट किया है जिससे पता चला है कि बहावलपुर में आईएसआई और आतंकी संगठनों के बीच एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। यह जानकारी भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश करती है।

 

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