Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Mar, 2023 07:18 PM

वाशिंगटन, 30 मार्च (एपी) एक साल पहले यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद, सोशल मीडिया मंच टिक टॉक ने रूस की सरकारी प्रचार एजेंसियों द्वारा संचालित खातों को चिह्नित करने की शुरुआत की थी, ताकि उपयोगकर्ताओं को यह बताया जा सके कि क्रेमलिन की गलत सूचना उन तक...
वाशिंगटन, 30 मार्च (एपी) एक साल पहले यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद, सोशल मीडिया मंच टिक टॉक ने रूस की सरकारी प्रचार एजेंसियों द्वारा संचालित खातों को चिह्नित करने की शुरुआत की थी, ताकि उपयोगकर्ताओं को यह बताया जा सके कि क्रेमलिन की गलत सूचना उन तक पहुंच सकती है।
एक साल बाद के विश्लेषण से पता चलता है कि उस नीति को असंगत रूप से लागू किया गया और लाखों फॉलोवर वाले दर्जनों खातों की उपेक्षा की गई। उपयोग किए जाने के बाद भी, युद्ध के बारे में जनमत बनाने के अपने प्रयास के तहत टिक टॉक के शक्तिशाली ‘एल्गोरिदम’ का उपयोग करने की रूसी क्षमता पर बहुत प्रभाव नहीं पड़ा।
जर्मन मार्शल फंड द्वारा संचालित गैर-लाभकारी संगठन एलायंस फॉर सिक्योरिंग डेमोक्रेसी के शोधकर्ताओं ने करीब 80 टिक टॉक खातों की पहचान की। इन खातों का संचालन आरटी या स्पुतनिक जैसे रूसी सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा था।
टिकटॉक द्वारा एक साल पहले खातों को चिह्नित करने की नीति की घोषणा के बावजूद, एक तिहाई से अधिक खातों की पहचान नहीं की गयी। खातों के नाम के ठीक नीचे लिखा दिखता है - "रूसी सरकार द्वारा नियंत्रित मीडिया।" वहां क्लिक करने से अधिक जानकारी सामने आती है और लिखा मिलता है कि "खाते की संपादकीय सामग्री पर सरकार का नियंत्रण है।"
चिह्नित खातों पर यह भी लिखा मिलता है कि इन खातों ने यूक्रेन पर रूसी हमले के साथ ही अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के बारे में रूस के गलत और भ्रामक दावों का प्रसार किया है।
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