Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 May, 2025 12:33 PM

2014 के पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए नरसंहार की भयावह तस्वीरें ताज़ा कर दी हैं। उस वक्त आतंकियों ने सैनिकों की वर्दी पहनकर स्कूल में घुसकर गोलियों और बमों से 132 बच्चों समेत कुल 141 लोगों की जान ले ली थी।
नेशनल डेस्क: एक बार फिर पाकिस्तान में निर्दोष बच्चों को आतंक का निशाना बनाया गया है। इस बार हमला एक स्कूल बस के पास हुआ, जहां एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, और इस वीभत्स हमले में कई मासूमों की मौत की खबर है। ये हमला न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि एक बार फिर देश को 2014 के पेशावर नरसंहार की काली यादों में धकेल देता है।
फिर बच्चों को बनाया गया निशाना
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमला तब हुआ जब स्कूली बच्चों से भरी बस अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही थी। तभी एक फिदायीन हमलावर ने बस के पास जाकर आत्मघाती विस्फोट कर दिया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, इस हादसे में कई बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। यह हमला आतंक की उस सोच को उजागर करता है जो मासूम बच्चों को भी बख्शने को तैयार नहीं है।
याद आया पेशावर स्कूल हमला
इस हमले ने लोगों के ज़ेहन में 2014 के पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए नरसंहार की भयावह तस्वीरें ताज़ा कर दी हैं। उस वक्त आतंकियों ने सैनिकों की वर्दी पहनकर स्कूल में घुसकर गोलियों और बमों से 132 बच्चों समेत कुल 141 लोगों की जान ले ली थी।
उस समय इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली थी — एक ऐसा संगठन जो पाकिस्तान में लंबे समय से खून-खराबा करता रहा है।
कौन है इस हमले के पीछे?
हालिया हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान के अलावा भी कई आतंकवादी गुट सक्रिय हैं। इनमें कुछ बलूच विद्रोही संगठन भी शामिल हैं, जो लगातार पाकिस्तानी सेना और सरकारी ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।