Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Jul, 2025 02:20 PM

अगर आप नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने टोल टैक्स को लेकर ऐसा बड़ा बदलाव किया है, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। अब टनल, ब्रिज, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड जैसे हिस्सों पर टोल वसूली का तरीका पूरी तरह बदल दिया...
नेशनल डेस्क: अगर आप नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने टोल टैक्स को लेकर ऐसा बड़ा बदलाव किया है, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। अब टनल, ब्रिज, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड जैसे हिस्सों पर टोल वसूली का तरीका पूरी तरह बदल दिया गया है। नए नियम लागू होते ही लोगों को सीधे 50% तक की राहत मिलेगी। आइए जानते हैं इस नए नियम में क्या है खास और कैसे ये आपकी जेब पर असर डालेगा। सरकार ने 2 जुलाई 2025 को एक अधिसूचना जारी करते हुए यह अहम जानकारी दी थी। अब तक जिन हाइवे पर ब्रिज या टनल जैसी संरचनाएं होती थीं, वहां यूजर्स से काफी ज्यादा टोल वसूला जाता था। इसकी वजह थी कि इन स्ट्रक्चर्स की निर्माण लागत आम सड़कों के मुकाबले बहुत ज्यादा होती है। पुराने नियमों के अनुसार, टोल की गणना संरचना की लंबाई का 10 गुना करके की जाती थी। इससे यूजर्स पर भारी बोझ पड़ता था।
क्या है नया फॉर्मूला?
सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 (NH Fee Rules, 2008) में संशोधन कर दिया है। अब टोल की गणना दो विकल्पों में से कम के आधार पर की जाएगी:
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संरचना की लंबाई का 10 गुना
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पूरे सेक्शन की कुल लंबाई का 5 गुना
उदाहरण:
अगर किसी हाईवे सेक्शन की लंबाई 40 किलोमीटर है और पूरा सेक्शन संरचना से युक्त है, तो पहले टोल की गणना 10 x 40 = 400 किलोमीटर के हिसाब से होती थी। अब नए नियम में टोल सिर्फ 5 x 40 = 200 किलोमीटर के हिसाब से लगेगा। यानी यात्रियों को सीधे 50% तक की राहत मिलेगी।
पुराना नियम क्या कहता था?
पहले के नियमों में टोल गणना का एक ही पैमाना था- संरचना की लंबाई का 10 गुना। यह फॉर्मूला लागत वसूली के लिए बनाया गया था, क्योंकि ब्रिज, टनल और एलिवेटेड रोड जैसी संरचनाओं की लागत बहुत ज्यादा होती है। पर इससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ काफी बढ़ जाता था।
अब आम यात्रियों को कैसे मिलेगा फायदा?
इस नए नियम से सबसे ज्यादा लाभ उन यात्रियों को होगा, जो रोजाना या अक्सर लंबी दूरी तय करते हैं। इसके अलावा, व्यावसायिक वाहन जैसे ट्रक और लॉजिस्टिक सर्विसेज के लिए भी यह बदलाव बेहद फायदेमंद होगा। अब लोगों को कम टोल देना होगा और नेशनल हाइवेज पर सफर करना अधिक किफायती हो जाएगा। इससे माल ढुलाई की लागत भी कम होगी, जिसका फायदा उपभोक्ताओं तक भी पहुंचेगा। नई नीति यात्रियों की जेब पर सीधा असर डालेगी। अब हाईवे यात्रा में पहले की तुलना में कम खर्च आएगा। साथ ही लोगों को हाईवे के इस्तेमाल में ज्यादा सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी। फास्टैग जैसी डिजिटल प्रणाली पहले से ही टोल में पारदर्शिता ला रही थी, अब इस बदलाव से टोल गणना भी सरल और समझने लायक हो गई है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा और सुविधा भी
यह बदलाव सरकार की उस सोच का हिस्सा है, जिसमें यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है। एक तरफ जहां देशभर में हाईवे नेटवर्क को मजबूत बनाया जा रहा है, वहीं आम जनता को उसका फायदा भी मिल रहा है। यह नीतिगत बदलाव न केवल आर्थिक रूप से राहत देगा, बल्कि लोगों को अधिक सुरक्षित, तेज और किफायती यात्रा का अनुभव भी देगा।
नए नियम कब से लागू होंगे?
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नियम 2 जुलाई 2025 से लागू हो चुके हैं। अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क नए फार्मूले के अनुसार लिया जाएगा।