Edited By Rohini Oberoi,Updated: 24 Dec, 2025 09:52 AM

नए साल (2026) के स्वागत के लिए अगर आप माता वैष्णो देवी के दर्शन की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए...
नेशनल डेस्क। नए साल (2026) के स्वागत के लिए अगर आप माता वैष्णो देवी के दर्शन की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यात्रा के नियमों को सख्त कर दिया है। अब यात्रा शुरू करने से लेकर वापस लौटने तक का समय निर्धारित कर दिया गया है।
नई समय सीमा: 10 घंटे और 24 घंटे का नियम
श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए 'रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड' (RFID) के उपयोग को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब श्रद्धालुओं को RFID कार्ड मिलने के बाद 10 घंटे के भीतर बाणगंगा या ताराकोट मार्ग से चढ़ाई शुरू करनी होगी। यदि कोई श्रद्धालु कार्ड लेने के 10 घंटे बाद भी यात्रा शुरू नहीं करता तो उसका कार्ड अमान्य (Invalid) हो सकता है। दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को 24 घंटे के भीतर बेस कैंप यानी कटरा वापस लौटना होगा। इसका मतलब है कि अब भवन या आस-पास के क्षेत्रों में कई दिनों तक रुकने की अनुमति नहीं होगी।
नियम सख्त करने की वजह
अक्सर देखा गया है कि नए साल और त्योहारों के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु भवन पहुंच जाते हैं।
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भीड़ नियंत्रण (Crowd Management): पहले श्रद्धालु भवन पर कई दिनों तक रुक जाते थे जिससे वहां क्षमता से अधिक भीड़ हो जाती थी। नई समय सीमा से यात्रियों का प्रवाह (Flow) बना रहेगा।
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सुरक्षा: सीमित समय तय होने से भगदड़ जैसी स्थितियों का खतरा कम होगा और सुरक्षा बलों को प्रबंधन में आसानी होगी।
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संसाधनों का सही उपयोग: भवन पर ठहरने की सीमित जगह को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि हर श्रद्धालु को दर्शन का मौका मिले और किसी एक जगह जमावड़ा न हो।
RFID कार्ड क्या है और क्यों है जरूरी?
वैष्णो देवी यात्रा के लिए RFID कार्ड एक अनिवार्य डिजिटल पहचान पत्र है।
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यह कार्ड यात्रियों की लोकेशन ट्रैक करने में मदद करता है।
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खो जाने या किसी आपदा की स्थिति में श्रद्धालु की सटीक जानकारी इसी कार्ड के जरिए मिलती है।
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चढ़ाई शुरू करने और वापस कटरा पहुंचने पर इस कार्ड को स्कैन करना अनिवार्य होता है।
यात्रियों के लिए जरूरी सुझाव
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अपना RFID कार्ड हमेशा गले में लटका कर रखें।
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यात्रा पूरी होने के बाद कटरा में कार्ड जमा करना न भूलें, वरना अगली बार यात्रा में परेशानी हो सकती है।
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भवन पर अनावश्यक समय बिताने के बजाय दर्शन कर तुरंत नीचे की ओर प्रस्थान करें।