Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Jun, 2025 05:48 PM

देशभर में केंद्र सरकार के करीब 1 करोड़ कर्मचारी और पेंशनभोगी इस वक्त एक सवाल को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुक हैं – क्या आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) समय पर लागू होगा? इस आयोग से ना सिर्फ सैलरी में बढ़ोतरी की उम्मीद जुड़ी है, बल्कि पेंशन और अन्य...
नई दिल्ली: देशभर में केंद्र सरकार के करीब 1 करोड़ कर्मचारी और पेंशनभोगी इस वक्त एक सवाल को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुक हैं – क्या आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) समय पर लागू होगा? इस आयोग से ना सिर्फ सैलरी में बढ़ोतरी की उम्मीद जुड़ी है, बल्कि पेंशन और अन्य भत्तों में भी बड़े बदलाव की संभावना है। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए यह सपना फिलहाल टलता हुआ नजर आ रहा है।
जनवरी 2026 की डेडलाइन खतरे में?
एक रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की शुरुआत तय समय से टल सकती है। याद दिला दें कि 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था और उसकी सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गई थीं। अब अगर सरकार जून 2025 तक नए आयोग के Terms of Reference (ToR) यानी दिशा-निर्देश और अधिकार तय नहीं करती, तो जनवरी 2026 से लागू कर पाना लगभग असंभव माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रक्रिया जल्द शुरू नहीं हुई, तो इसका अमल 2026 के आखिर या 2027 की शुरुआत तक खिसक सकता है।
अब तक के वेतन आयोगों में क्या-क्या बदला?
-सरकारी वेतन आयोग हर बार सैलरी सिस्टम को बेहतर और पारदर्शी बनाने की कोशिश करता रहा है।
-6वें वेतन आयोग ने पे-बैंड और ग्रेड पे जैसी प्रणाली लागू की, जिससे वेतन निर्धारण का तरीका बदला।
-इसके बाद 7वें वेतन आयोग ने नया पे मैट्रिक्स सिस्टम लाया, जिसमें 24 स्तर (levels) के आधार पर वेतन तय होता है।
-उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था, जो बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का मुख्य आधार था।
फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.8 के बीच हो सकता है।
इससे मौजूदा बेसिक पे में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, जब तक आयोग का गठन नहीं होता, तब तक ये बातें सिर्फ अटकलें ही मानी जा सकती हैं।
सरकार से क्या कर रही है कर्मचारी वर्ग की उम्मीद?
कर्मचारी यूनियन और पेंशनर्स संगठन लगातार सरकार से 8वें वेतन आयोग की जल्द घोषणा की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुद्रास्फीति और जीवनयापन की लागत तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में मौजूदा वेतन ढांचा वास्तविक खर्चों को कवर करने में नाकाम हो रहा है। अब तक सरकार की ओर से ना कोई आधिकारिक घोषणा हुई है और ना ही कोई स्पष्ट संकेत। ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि आयोग कब तक गठित होगा और उसकी सिफारिशें कब लागू होंगी। पर इतना जरूर है कि देश के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।