Edited By Yaspal,Updated: 24 Sep, 2023 06:26 AM

दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चार में से तीन सीटों पर जीत दर्ज कर परचम लहरा दिया है
नेशनल डेस्कः दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चार में से तीन सीटों पर जीत दर्ज कर परचम लहरा दिया है, जबकि एक सीट कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई के खाते में गई। एबीवीपी की अपराजिता और सचिन बैसला क्रमश: सचिव और संयुक्त सचिव निर्वाचित हुए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था और शनिवार को मतों की गिनती कराई गई। एबीवीपी की जीत पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं ने बधाई दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने चुने गए प्रतिनिधियों को बधाई दी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में एबीवीपी को मिली को मिली प्रचंड जीत पर परिषद् के सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई। यह जीत राष्ट्रहित को सर्वप्रथम मानने वाली विचारधारा में युवा पीढ़ी के विश्वास को दर्शाती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि परिषद् के कार्यकर्ता युवाओं में स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों और राष्ट्रवाद की भावना को जागृत रखने के लिए निरंतर संकल्पित भाव से कार्य करते रहेंगे।“
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की शानदार जीत पर परिषद के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत बधाई। अभाविप, युवाओं के बीच राष्ट्रनिर्माण का संदेश लेकर जाती है जिसकी सफलता इस बात को इंगित करती है कि आज देश का युवा समर्थ और विकसित भारत के निर्माण के प्रति संकल्पित है। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को पुनः बधाई।“
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों से प्रेरित होकर एबीवीपी हमारे युवाओं के दिलों में हमेशा राष्ट्रवाद और निस्वार्थ सेवा की लौ जलाई है। मैं डूसू चुनाव 2023 में एबीवीपी के सभी कार्यकर्ताओं को उनकी जोरदार जीत के लिए बधाई देता हूं। यह विजय हमारी युवा पीढ़ी के बीच 'राष्ट्र प्रथम' की विचारधारा की सर्वव्यापी स्वीकृति को दर्शाती है, जो हमारे देश के कल को आकार देगी।“
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा, “दिल्ली यूनिवर्सिटी का चुनाव जीतने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को हार्दिक बधाई! विजेता युवा साथियों को मेरी शुभकामनाएं! इस 'क्लीन स्वीप' से विरोधियों को युवाओं के रुझान का एक मजबूत इशारा अवश्य मिला होगा। छात्र जीवन में अथक परिश्रम के बाद मिलने वाले सार्थक परिणाम के अनुभव को मैं बखूबी समझता हूं।“
बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं कराए जा सके थे, जबकि शैक्षणिक कैलेंडर में संभावित व्यवधान के कारण 2022 में भी चुनाव नहीं हुआ था। इस साल डूसू के चार पदों के लिए कुल 24 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे। चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि इस चुनाव में 42 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव में करीब एक लाख छात्र मतदान करने के लिए पात्र थे। इससे पहले 2019 में हुए डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत 39.90 रहा था जबकि 2018 और 2017 में मतदान प्रतिशत क्रमश: 44.46 और 42.8 फीसदी रहा था।
केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेज और विभागों में चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराए गए, जबकि कॉलेज संघ चुनावों के लिए मतदान कागजी मतपत्र पर हुआ। फीस वृद्धि, किफायती आवास का अभाव, कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान सुरक्षा और मासिक धर्म अवकाश चुनाव में छात्रों के लिए मुख्य मुद्दे रहे।
एबीवीपी, एनएसयूआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया' (एसएफआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) से संबद्ध ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन' (आइसा) ने सभी चार पदों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। एबीवीपी ने 2019 डूसू चुनाव में चार पदों में से तीन पर जीत दर्ज की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकतर कॉलेज और संकायों के लिए डूसू मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना अलग छात्र संघ भी है, जिसके लिए प्रति वर्ष चुनाव होता है।