Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Jun, 2025 08:47 PM

जब बात व्यापार की होती है, तो अक्सर लोग सोचते हैं कि बड़ी पूंजी, बड़ी डिग्री और ग्लैमर वाला स्टार्टअप ही सफलता की कुंजी है। लेकिन मुंबई में एक साधारण ऑटो रिक्शा चालक ने इस सोच को पूरी तरह उलट कर रख दिया है। वह न ऑटो चला रहा है, न कोई ऑनलाइन बिजनेस...
नेशनल डेस्क: जब बात व्यापार की होती है, तो अक्सर लोग सोचते हैं कि बड़ी पूंजी, बड़ी डिग्री और ग्लैमर वाला स्टार्टअप ही सफलता की कुंजी है। लेकिन मुंबई में एक साधारण ऑटो रिक्शा चालक ने इस सोच को पूरी तरह उलट कर रख दिया है। वह न ऑटो चला रहा है, न कोई ऑनलाइन बिजनेस कर रहा है, फिर भी महीने के 5 से 8 लाख रुपये तक की कमाई कर रहा है — वो भी कानूनी और एकदम सुलझे तरीके से।
सवाल उठता है – कैसे? जवाब है: समस्या को देखकर हल बन जाना।
यह शख्स मुंबई के अमेरिकी वाणिज्य दूतावास (US Consulate) के पास हर रोज़ खड़ा होता है। दूतावास में वीज़ा इंटरव्यू देने आने वाले हजारों लोग अपने बैग लेकर पहुंचते हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें दूतावास के अंदर बैग ले जाने की अनुमति नहीं होती। यही वो जगह है जहां यह ऑटोवाला अपनी ‘स्मार्ट सर्विस’ से सबको राहत देता है।
ऑटो नहीं चला रहा, लेकिन सर्विस दे रहा है!
यह शख्स लोगों के बैग सुरक्षित रखने का जिम्मा लेता है — एक बार में 1000 रुपये प्रति बैग लेकर। शुरुआत में यह सेवा सड़क किनारे ऑटो में बैग रखने से हुई, लेकिन अब इसने स्थानीय पुलिस की मदद से एक सुरक्षित लॉकर सिस्टम भी खड़ा कर लिया है। ऑटो सिर्फ संपर्क का ज़रिया है, असली सेवा एक ज़रूरत का स्मार्ट समाधान है।
कमाई का गणित
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रोज़ाना 20–30 ग्राहक
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प्रति ग्राहक औसतन ₹1000
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दैनिक कमाई: ₹20,000–30,000
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मासिक अनुमान: ₹5 से ₹8 लाख तक!
यह आंकड़े उस अनुभव पर आधारित हैं, जिसे लेंसकार्ट के प्रोडक्ट लीडर राहुल रुपानी ने LinkedIn पर साझा किया। उन्होंने लिखा कि जब वह खुद इंटरव्यू के लिए पहुंचे, तब बैग अंदर ले जाने से मना कर दिया गया और यहीं से इस ऑटोवाले की सेवा का सामना हुआ।