Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Jul, 2025 02:35 PM

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज हो गई है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए उन्हें पद पर बनाए रखने का फैसला किया...
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज हो गई है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए उन्हें पद पर बनाए रखने का फैसला किया गया था। अब जब चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और बीजेपी एक बार फिर सत्ता में लौट आई है, संगठनात्मक फेरबदल की तैयारी जोरों पर है।
संगठनात्मक चुनाव हो चुके, अब अगला कदम
सूत्रों के मुताबिक, अधिकांश राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं, जो कि पार्टी अध्यक्ष के चयन की पूर्वशर्त होते हैं। अब केंद्रीय नेतृत्व की नजर नए अध्यक्ष के चयन पर है, जिसकी घोषणा जुलाई के अंत तक हो सकती है। पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक औपचारिक प्रक्रिया के तहत होता है। इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य नामांकन करते हैं, और यदि कोई विरोध नहीं होता तो आम सहमति से अध्यक्ष की घोषणा होती है।
कौन हो सकता है अगला अध्यक्ष? संभावित नामों पर चर्चा
हालांकि आधिकारिक तौर पर पार्टी ने किसी नाम की पुष्टि नहीं की है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कुछ नाम चर्चा में हैं:
भूपेंद्र यादव – संगठन और चुनावी रणनीति में दक्षता के लिए पहचाने जाते हैं।
विनोद तावड़े – संगठन महासचिव के रूप में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
अनुराग ठाकुर – युवा चेहरा, अच्छा वक्ता और केंद्रीय राजनीति में मजबूत पकड़।
ओम माथुर या सुनील बंसल – पुराने संघ पृष्ठभूमि वाले नेता जिनकी संगठन में गहरी पैठ है।
यह भी देखा जा रहा है कि क्या पार्टी कोई युवा चेहरा आगे लाकर 2029 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक रणनीति बनाती है, या फिर एक अनुभवी नेता के जरिए संगठन को स्थिरता देती है।
नड्डा का संगठन में योगदान
जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव, कई राज्य विधानसभा चुनावों और संगठन विस्तार जैसे बड़े कार्यों को संभाला। उन्होंने संगठन और सरकार के बीच समन्वय को मजबूत किया। अब उनके केंद्रीय मंत्री बनने के बाद यह लगभग तय है कि पार्टी उन्हें संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त करेगी ताकि वे सरकार में पूर्णकालिक भूमिका निभा सकें।
आगामी अध्यक्ष को क्या विरासत मिलेगी?
जो भी अगला अध्यक्ष बनेगा, वह एक ऐसे समय में पार्टी की कमान संभालेगा जब: भाजपा केंद्र की सत्ता में है विपक्ष लगातार एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। कई बड़े राज्य चुनाव 2025-26 में होने हैं (जैसे बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि) इसलिए, नया अध्यक्ष केवल नाम मात्र की भूमिका नहीं निभाएगा, बल्कि उसे रणनीतिक नेतृत्व, जमीनी पकड़ और जनसंपर्क कौशल के दम पर पार्टी को आगे ले जाना होगा।
जल्द हो सकती है घोषणा
भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी अध्यक्ष के नाम की घोषणा जुलाई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में हो सकती है। इसके लिए दिल्ली में एक औपचारिक बैठक या राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जा सकती है।