Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Jul, 2025 08:51 AM

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सोमवार को नगर निगम (BMC) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू के साथ एक गंभीर घटना घटी, जिसने प्रशासनिक और राजनीतिक माहौल को भारी संकट में डाल दिया है। जनसुनवाई के दौरान अचानक हुए इस हमले में साहू को उनके ही कार्यालय में...
नेशनल डेस्क: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सोमवार को नगर निगम (BMC) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू के साथ एक गंभीर घटना घटी, जिसने प्रशासनिक और राजनीतिक माहौल को भारी संकट में डाल दिया है। जनसुनवाई के दौरान अचानक हुए इस हमले में साहू को उनके ही कार्यालय में घसीटा गया और बुरी तरह से मारपीट की गई। हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विवाद और तेज़ हो गया, जिससे प्रशासनिक कर्मचारी विरोध में उतर आए और ओडिशा प्रशासनिक सेवा संघ ने सामूहिक अवकाश का ऐलान कर दिया।
घटना की पूरी तस्वीर
रत्नाकर साहू, जो नगर निगम में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर हैं, जनसुनवाई के दौरान जब कुछ लोग उनके चैंबर में जबरदस्ती घुसे, तब उन्हें लगा कि वे अपनी शिकायत लेकर आए हैं। लेकिन जैसे ही बातचीत आगे बढ़ी, उन्होंने पाया कि आरोप है कि उन्होंने बीजेपी के एक स्थानीय नेता जगन्नाथ प्रधान के साथ दुर्व्यवहार किया है। आरोपियों ने इस बात को लेकर गुस्से में आकर साहू को पकड़ लिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। मामले ने तब और गंभीर रूप ले लिया जब इन हमलावरों ने साहू को जबरन एक कार में बैठाने की कोशिश की, जिससे अपहरण की आशंका भी जताई जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
इस मामले में भुवनेश्वर पुलिस ने तेजी से एफआईआर दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जीवन राउत, रश्मि महापात्रा और देबाशीष प्रधान के रूप में हुई है। डीसीपी जगमोहन मीणा ने मामले की जांच के लिए कदम उठाए जाने की पुष्टि की है।
प्रशासनिक कर्मियों का गुस्सा और विरोध प्रदर्शन
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में भारी आक्रोश देखा गया। ओडिशा प्रशासनिक सेवा संघ ने इस हमले की निंदा करते हुए मंगलवार से सामूहिक अवकाश की घोषणा कर दी। नगर निगम के कर्मचारियों के साथ-साथ विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) के पार्षदों ने भी इस हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया।
सियासी रंगत और विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
राज्य की राजनीति में इस घटना ने नई बहस छेड़ दी है। बीजद के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस घटना की निंदा करते हुए मौजूदा सरकार पर कटाक्ष किया और मुख्यमंत्री से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह हमला भाजपा नेताओं की संरक्षण में हुआ है। वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी नेता अपरूपा राउत और उनके समर्थकों को आरोपी बताते हुए इसे भाजपा सरकार की ‘जंगलराज’ की आदत बताया।
अतिरिक्त आयुक्त की आपबीती
रत्नाकर साहू ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वे जनसुनवाई कर रहे थे, तभी कुछ लोग उनके कार्यालय में घुसे और मारपीट शुरू कर दी। उनके अनुसार मारपीट के दौरान उन्हें अपहरण का भी प्रयास किया गया, लेकिन वे किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे। साहू ने इस घटना को न केवल प्रशासनिक व्यवस्था के लिए चिंता का विषय बताया, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला भी कहा।