Edited By Harman Kaur,Updated: 12 Jun, 2025 06:44 PM

गुजरात के अहमदाबाद में आज एयर इंडिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन गैटविक उड़ान AI171 (फ्लाइट नंबर AI171) आज एक बड़े हादसे का शिकार हो गई। विमान में 230 यात्री और दो पायलट...
नेशनल डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद में आज एयर इंडिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन गैटविक उड़ान AI171 (फ्लाइट नंबर AI171) आज एक बड़े हादसे का शिकार हो गई। विमान में 230 यात्री और दो पायलट सहित 12 क्रू मेंबर्स सवार थे, यानी कुल 242 लोग। घटना के बाद एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पहले ट्विटर) पर इसकी पुष्टि की है, जिसमें कहा गया है कि वे विवरण जुटा रहे हैं और जल्द ही और अपडेट साझा करेंगे।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर शामिल, क्या है इसका इतिहास?
बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में क्रैश हुए इस एयर इंडिया के विमान में बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर मॉडल शामिल था। यह मॉडल अपनी सुरक्षा के लिए जाना जाता है और इसकी पहले कभी कोई बड़ी क्रैश हिस्ट्री नहीं रही है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बोइंग के किसी विमान से जुड़ा कोई बड़ा हादसा हुआ हो। हाल के वर्षों में बोइंग के कई विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिससे कंपनी की सुरक्षा रिकॉर्ड पर लगातार सवाल उठते रहे हैं:-
- 2024 में दक्षिण कोरिया: इससे ठीक पहले, साल 2024 में दक्षिण कोरिया में बोइंग का 737-800 एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ था, जिसमें लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी। यह 737 मैक्स का एक नया वर्जन था।
- 2023 में 737 मैक्स का दरवाजा प्लग उड़ा: पिछले साल जनवरी में एक अलग घटना में, उड़ान के दौरान एक 737 मैक्स के दरवाजे का प्लग उड़ गया था, जिसने विमान की संरचनात्मक सुरक्षा पर सवाल उठाए थे।
- 2018 और 2019 के बड़े हादसे: 2018 और 2019 में बोइंग 737 मैक्स के दो बड़े हादसे हुए थे, जिनमें लायन एयर फ्लाइट 610 (189 मौतें) और इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302 (157 मौतें) शामिल थीं। इन दुर्घटनाओं के बाद बोइंग के इस विमान का संचालन रोकना पड़ा था और कंपनी को 30 अरब डॉलर तक का भारी नुकसान हुआ था।

MCAS सिस्टम और बोइंग 737 मैक्स विवाद
जब बोइंग के विमान लगातार क्रैश हो रहे थे, तो बोइंग 737 मैक्स की गहन जांच की गई। जांच से मैन्युवरिंग कैरेक्टरिस्टिक्स ऑग्मेंटेशन सिस्टम (MCAS) से जुड़ी एक गंभीर समस्या सामने आई। यह सिस्टम मैनुअली लैंडिंग पर निर्भरता कम कर देता था, लेकिन पायलटों को इसके बारे में पर्याप्त जानकारी या ब्रीफिंग नहीं दी गई थी। इसी के चलते 2018 और 2019 में कुल 346 यात्री और क्रू मेंबर्स की जान चली गई थी। इन हादसों के बाद इस विमान का संचालन रोक दिया गया था और बाद में इसे अपडेट करके बोइंग 737-800 के नाम से फिर से परिचालन में लाया गया।
अहमदाबाद हादसे में शामिल बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा इतिहास हालांकि अच्छा रहा है, लेकिन इस दुर्घटना ने एक बार फिर दुनिया की सबसे बड़ी विमान निर्माता कंपनी बोइंग के विमानों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। अहमदाबाद हादसे के वास्तविक कारणों का पता ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद ही चल पाएगा, जिसके लिए जांच जारी है।

वैश्विक आंकड़े और जांच का इंतजार
wisnerbaum.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बोइंग विमान दुनिया भर में लगभग 6,000 दुर्घटनाओं और घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिनमें से 415 घातक थीं और 9,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। दुनियाभर में हजारों यात्री विमानों में से कम से कम 4,000 से अधिक विमान बोइंग 737-800 हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका कुछ प्रमुख महाद्वीप हैं, जहां बोइंग विमानों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।