चुनाव से पहले BJP को मिला अब तक का सबसे बड़ा चंदा, कांग्रेस को मिले केवल 10 करोड़

Edited By Anil dev,Updated: 06 Nov, 2018 11:41 AM

electoral trust bjp congress dlf

वित्तीय वर्ष 2017-18 में उद्योगों से राजनीतिक चंदा जुटाने वाले इलेक्टोरल ट्रस्ट का सबसे ज्यादा धन भाजपा के खाते में गया है। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने इस दौरान कुल 169 करोड़ रुपए जुटाए, जिसमें से 144 करोड़ उसने भाजपा को दिए।

नई दिल्ली (विशेष):  वित्तीय वर्ष 2017-18 में उद्योगों से राजनीतिक चंदा जुटाने वाले इलेक्टोरल ट्रस्ट का सबसे ज्यादा धन भाजपा के खाते में गया है। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने इस दौरान कुल 169 करोड़ रुपए जुटाए, जिसमें से 144 करोड़ उसने भाजपा को दिए। प्रूडेंट को मिले169 करोड़ के चंदे में से धन की कमी झेल रही कांग्रेस को केवल 10 करोड़ रुपए दिए गए। इसके अलावा, इस ट्रस्ट ने 5 करोड़ रुपए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजद को दिया है। पहले यह ट्रस्ट शिरोमणि अकाली दल, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल सहित आधा दर्जन के करीब पार्टियों को दान देता था। बता दें कि पहले इसका नाम सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट हुआ करता था। वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय जनता पार्टी को अब तक का सबसे बड़ा चंदा मिला है।

PunjabKesari

पिछले चार साल में इलेक्टोरल ट्रस्टों को कंपनियों से जो पैसा मिला, उसमें से 90 प्रतिशत प्रूडेंट के खाते में गया। कुछ जानकारों का कहना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जारी होने के बाद ट्रस्टों की भूमिका खत्म हो सकती है। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच 18 किस्तों में प्रूडेंट ने भाजपा को 144 करोड़ रुपए दिए। वहीं, कांग्रेस को 2017 में चार चेक दिए गए और बीजद को 2017 के आखिर और जनवरी 2018 में भुगतान किया गया। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट सुर्खियों में आया था। उस वक्त उसने 85.4 करोड़ रुपए जुटाए थे। वित्त वर्ष 2017 में इस ट्रस्ट ने रिकॉर्ड 283.73 करोड़ रुपए जुटाए थे। 

PunjabKesari

शुरुआत में इस ट्रस्ट को भारती ग्रुप की 33 कंपनियों का समर्थन हासिल था। दिल्ली के वसंत कुंज क्षेत्र में भारती ग्रुप के ऑफिस से ही इसका संचालन होता था। बाद में बहादुर शाह जफर मार्ग के हंस भवन में इसका ऑफिस शिफ्ट हो गया और ट्रस्ट का नाम बदलकर प्रूडेंट कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, 6 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2005 से 2012 के बीच कुल 105 करोड़ का चंदा राजनीतिक दलों को दिया था। 2014 में दाताओं के नाम सार्वजनिक करने के दिशा-निर्देश लागू हुए। वित्त वर्ष 2014 से 2017 के बीच 9 रजिस्टर्ड इलेक्टोरल ट्रस्ट ने राजनीतिक पार्टियों को कुल 637.54 करोड़ रुपए का चंदा दिया। 
 

PunjabKesari

अन्य ट्रस्ट से भी भाजपा को मिला सबसे ज्यादा 
बता दें कि प्रूडेंट सबसे बड़ा इलेक्टोरल ट्रस्ट है, लेकिन दूसरे सबसे बड़े ट्रस्ट आदित्य बिड़ला ग्रुप के एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट का भी ऐसा ही पैटर्न है। उसने वित्त वर्ष 2018 में 21 करोड़ रुपए में से 12.5 करोड़ भाजपा, 1 करोड़ कांग्रेस और 8 करोड़ बीजद को दिए। मुरुगप्पा ग्रुप के ट्रायंफ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2 करोड़ में से 1 करोड़ भाजपा और 1 करोड़ कांग्रेस को दिए। कुछ ट्रस्ट ने सिर्फ एक पार्टी को ही पूरा पैसा दिया। जनशक्ति इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 5 लाख रुपए का अपना पूरा फंड नेशनल कॉन्फ्रेंस को दिया, जबकि जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 51 लाख रुपए शरद पवार की एनसीपी को दिए। देश में कुल 22 रजिस्टर्ड इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं। इनमें से कई निष्क्रिय हैं। 


प्रूडेंट को मिला चंदा (वित्त वर्ष 2017-18) 

डीएलएफ  52 करोड़ 
भारती समूह  33 करोड़
डीसीएम श्रीराम 13 करोड़ 
कैडिला समूह   10 करोड़ 
हल्दिया एनर्जी      08 करोड़
 अन्य
  53  करोड़             
              
     
कुल  
169 करोड़ 

   
                   
पार्टियों को प्रूडेंट से मिला चंदा 

भाजपा 144 करोड़ 
कांग्रेस   10 करोड़ 
बीजद  05 करोड़ 


     
प्रूडेंट से भाजपा को मिला चंदा 

वित्त वर्ष   प्रूडेंट को कुल चंदा   प्रूडेंट से भाजपा को 
2014-15   85 करोड़  41.37 करोड़ 
2015-16 47 करोड़ 45 करोड़
2016-17        283.73 करोड़ 252.22 करोड़ 
2017-18 169 करोड़     144 करोड़ 



          
                      
                           
           

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!