Edited By vasudha,Updated: 28 Nov, 2020 03:28 PM
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। दिल्ली पुलिस के बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अनुमति देने के बावजूद किसान अभी भी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हम सड़कों पर ही रहेंगे।वही...
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना आज भी जारी है । अलग-अलग जगहों से दिल्ली की ओर बढ़ते हुए शंभू बॉर्डर पहुंच गए हैं। आंदोलन के तीसरे दिन दिल्ली पहुंचे किसानों ने ऐलान किया है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वह दिल्ली का मेन हाईवे जाम करके आवाजाही पूरी तरह से बंद कर देंगे। ताजा अपडेट्स जानने के लिए जुड़े रहें punjabkesari.in के साथ।
नेशनल डेस्क: केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत पंजाब के किसानों ने रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को ‘दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू किया जबकि पहले ही हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं तक पहुंच चुके हैं। इसी बीच हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिल्ली कूच करने वाले किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गय। कुरुक्षेत्र पेहवा के साथ-साथ शाहाबाद में भी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस से उलझने, बैरिकेड तोड़ने और हत्या के प्रयास में 11 किसान नेता नामजद किए गए हैं। वहीं इससे पहले किसानाें ने सिंघु बॉर्डर पर जमा होकर बैठक की। इसमें उन्होंने प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में स्थान निर्धारित करने के बावजूद सीमा पर ही विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया। एक किसान ने कहा कि हम दिल्ली का मेन हाईवे जाम कर,आवाजाही बंद करेंगे। जो हमारी कमेटी कहेगी वही करेंगे।
#WATCH A meeting of farmers from Punjab underway at Singhu border (Delhi-Haryana) as they continue their protest here
Delhi Police yesterday gave permission to farmers to hold their demonstrations at the Nirankari Samagam Ground in Delhi's Burari area pic.twitter.com/1t4OoVITCQ
— ANI (@ANI) November 28, 2020
सिंघु बॉडर से हटने से किया इंकार
एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार लबीर सिंह राजू समेत हजारों किसानों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 114, 147, 148, 149,186, 158, 332, 375, 307, 283 120 बी और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51बी और पीडीपी एक्ट की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किए गए हैं। एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंघु बॉडर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम यहीं (सिंघु बॉडर) प्रदर्शन जारी रखेंगे। दरअसल हरियाणा पुलिस ने पंजाब से लगती सीमा और दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर से शुक्रवार शाम तक सभी अवरोधक हटा लिए थे। सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी, सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प और आंसूगैस के गोले एवं पानी की बौछार का सामना करने के बाद उत्तरी दिल्ली के एक मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए पहुंच चुके हैं जबकि हजारों की संख्या में किसान अब भी दिल्ली की सीमा पर मौजूद हैं और उन्होंने अभी यह फैसला नहीं लिया है कि वहीं प्रदर्शन करें या पुलिस द्वारा निर्धारित स्थल पर जाकर अपना विरोध दर्ज कराएं।
दिल्ली की सीमा पर गुजारी रात
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के नेता शिंगरा सिंह ने कहा कि हरियाणा के रोहतक जिले के मेहम में रात्रि विश्राम करने के बाद हमने सुबह फिर से दिल्ली की ओर कूच कर दिया है।' उन्होंने बताया कि किसानों के एक अन्य समूह ने हरियाणा के जींद जिले के जुलाना में रात्रि विश्राम किया और उन्होंने भी दिल्ली की यात्रा शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि किसानों ने शुक्रवार को हरियाणा-पंजाब के बीच डबवाली और खानौरी सीमा पर लगे अवरोधकों को तोड़ दिया था। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (केएमएससी) के बैनर तले और भी किसान शनिवार को दिल्ली आने के लिए पंजाब से हरियाणा की सीमा में दाखिल हो सकते हैं।
आगे बढने के लिए किसान तैयार
केएमएससी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि हमारे किसानों का समूह ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर शंभू अंतरराज्यीय सीमा से जल्द हरियाणा में दाखिल होगा। उन्होंने शुक्रवार को अमृतसर से दिल्ली के लिए सफर शुरू किया था।' पंढेर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ ‘काले कानूनों' को लागू किया है। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में पंजाब के किसान शुक्रवार को हरियाणा में दाखिल हुए जिनमें से कुछ को पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों का भी सामना करना पड़ा। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश देने के फैसले का स्वागत किया है।