Heavy rain: भारी बारिश के बाद ब्यास नदी उफान पर, जुलाई में मानसून दिखाएगा रौद्र रूप, IMD की बड़ी भविष्यवाणी, 8 राज्यों में बाढ़ का खतरा

Edited By Updated: 01 Jul, 2025 08:10 AM

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जुलाई 2025 के लिए जो ताज़ा पूर्वानुमान जारी किया है, वह देश के लिए राहत भरी खबर लेकर आया है। इस बार जुलाई में पूरे भारत में औसतन 106% या उससे अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। यह सामान्य बारिश से कहीं अधिक है,...

नेशनल डेस्क: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जुलाई 2025 के लिए जो ताज़ा पूर्वानुमान जारी किया है, वह देश के लिए राहत भरी खबर लेकर आया है। इस बार जुलाई में पूरे भारत में औसतन 106% या उससे अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। यह सामान्य बारिश से कहीं अधिक है, जिससे मौसम न सिर्फ सुहावना बना रहेगा, बल्कि देश के करोड़ों किसानों को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा।

कैसा रहेगा जुलाई का मानसून?
-IMD का कहना है कि जुलाई के दौरान मानसून पूरे जोर पर रहेगा।
-औसतन 106% से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है, जो दीर्घकालिक औसत (LPA) से ज्यादा मानी जा रही है।
-इस बारिश से तापमान में गिरावट आएगी, जिससे भीषण गर्मी से जूझ रहे राज्यों को राहत मिलेगी।

खेती के लिए सुनहरा मौका
जुलाई वैसे भी भारतीय कृषि कैलेंडर का सबसे अहम महीना होता है। इस दौरान खरीफ फसलों की बुआई जोरों पर होती है। खासकर धान, मक्का, सोयाबीन, बाजरा, अरहर जैसी फसलें इस मौसम की प्रमुख हैं।

बता दें कि इस समय भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसूनी बादल छाए हुए हैं, जिससे मौसम सुहावना जरूर हो गया है, लेकिन कुछ राज्यों में यह बारिश अब संकट बनती जा रही है। खासकर पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से लैंडस्लाइड (भूस्खलन) का खतरा तेजी से बढ़ गया है।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में स्थिति चिंताजनक हो गई है। मौसम विभाग ने इन इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। हिमाचल के मंडी जिले में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके कारण ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। वहीं, उत्तराखंड के कई इलाकों में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और यातायात पर असर पड़ा है।

दिल्ली-NCR और उत्तर भारत में बारिश का असर
राजधानी दिल्ली और उससे सटे नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे इलाकों में भी बारिश का सिलसिला जारी है। 30 जून से 6 जुलाई तक इन क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश होने की संभावना जताई गई है। बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और मौसम में ठंडक आ गई है, लेकिन सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक की समस्या से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जुलाई में कैसी रहेगी बारिश? IMD का पूर्वानुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, जुलाई के महीने में पूरे देश में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। खासतौर पर उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में तेज बारिश के चलते बाढ़ का खतरा बना हुआ है। इन राज्यों में नदियों के किनारे बसे इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। साथ ही जलाशयों और डैमों की लगातार निगरानी की जा रही है ताकि जल स्तर अधिक होने की स्थिति में समय रहते पानी छोड़ा जा सके और किसी आपदा से बचा जा सके।

आज के लिए मौसम अलर्ट: कहां-कहां खतरा?
मौसम विभाग ने 1 जुलाई के लिए कई राज्यों में ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया है। असम, नागालैंड, मणिपुर, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तर हरियाणा, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़ और गुजरात के खेरा, महिसागर, पंचमहल, दाहोद, आनंद, वडोदरा और छोटा उदेपुर जैसे क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। स्थानीय निवासी सुशील का कहना है कि “भारी बारिश के चलते कई जगहों पर लैंडस्लाइड हो रहे हैं और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।” इस जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को अनावश्यक यात्रा न करने की हिदायत दी गई है।

जुलाई: कृषि और मानसून का सबसे अहम महीना
जुलाई को मानसून का मुख्य महीना माना जाता है। भारत में चार महीने का मानसून सीजन होता है—जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर—जिसमें जुलाई में सबसे अधिक औसत बारिश होती है। देश में सालाना औसत वर्षा (87 सेमी) में से लगभग 28 सेमी बारिश जुलाई में ही दर्ज की जाती है। यह महीना खासकर खेती के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी समय धान और अन्य खरीफ फसलों की बुआई होती है।

सावधानी ही सुरक्षा
बढ़ते बारिश के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें। पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें और नदियों के किनारे बसे इलाकों में विशेष सतर्कता बरतें। बारिश के दौरान लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए पूरी सजगता के साथ ही किसी भी गतिविधि में शामिल हों।

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