Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Jun, 2025 09:39 AM

सोने की कीमतें इस हफ्ते लगातार दबाव में बनी हुई हैं। मंगलवार को यह $3,400 के नीचे फिसल गया और बुधवार सुबह भी गिरावट का ही रुख दिखा। इस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लगभग $3,380 पर कारोबार कर रहा है, जो करीब 0.5% की गिरावट को दर्शाता है। भारत में...
नेशनल डेस्क: दुनिया एक बार फिर जंग के मुहाने पर खड़ी है — ईरान और इज़रायल के बीच तनाव अपने चरम पर है। ऐसी परिस्थितियों में पारंपरिक रूप से सोने को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, और इसकी कीमतों में तेज़ उछाल देखने को मिलती है। लेकिन इस बार उल्टा हो रहा है! इतना बड़ा भू-राजनीतिक संकट होने के बावजूद सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है।
सोने की कीमतें इस हफ्ते लगातार दबाव में बनी हुई हैं। मंगलवार को यह $3,400 के नीचे फिसल गया और बुधवार सुबह भी गिरावट का ही रुख दिखा। इस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लगभग $3,380 पर कारोबार कर रहा है, जो करीब 0.5% की गिरावट को दर्शाता है। भारत में भी इसका सीधा असर दिखाई दे रहा है, जहां सोने की घरेलू कीमतों में नरमी बनी हुई है।
अब सवाल ये है कि जब दुनिया ईरान-इजरायल के बीच युद्ध के कगार पर खड़ी है, तब भी सोना क्यों गिर रहा है? आइए समझते हैं इसकी बड़ी वजहें—
1. डॉलर की ताकत, सोने की कमजोरी
सोना और डॉलर का रिश्ता हमेशा उलटा रहा है। इस बार भी अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) में मजबूती देखने को मिली, जो मंगलवार को 0.46% बढ़कर 98.58 पर पहुंच गया। जब डॉलर मजबूत होता है, तो गोल्ड की कीमत डॉलर में महंगी हो जाती है, जिससे ग्लोबल डिमांड कमजोर होती है और कीमतें गिरती हैं।
2. जियोपॉलिटिकल टेंशन बना लेकिन डर से बाजार हिला
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने बाजार की नब्ज को झकझोर दिया। उन्होंने G7 सम्मेलन को बीच में छोड़ते हुए ईरान को सीधे चेतावनी दी और कहा कि "हर किसी को तेहरान से निकल जाना चाहिए।" अटकलें हैं कि अमेरिका-इजरायल मिलकर ईरान पर कार्रवाई की योजना बना रहे हैं, जिससे बाजार में डर का माहौल बना हुआ है — लेकिन इससे सोने में बड़ी तेजी नहीं आई, क्योंकि डॉलर की मजबूती ने असर बेअसर कर दिया।
3. फेड की बैठक और रेट कट की उम्मीदें
फेडरल रिज़र्व की आगामी बैठक से पहले यह लगभग तय माना जा रहा है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन "डॉट प्लॉट" यानी भविष्य की ब्याज दरों के संकेत वाली रिपोर्ट अगर रेट कट की धीमी संभावना दिखाएगी, तो यह सोने के लिए निगेटिव संकेत हो सकता है। हालांकि, कमजोर अमेरिकी डेटा (जैसे मई में 0.9% की रिटेल सेल्स गिरावट) फेड पर दबाव बना रहा है कि वह दरें घटाने की ओर बढ़े।
4. सेंट्रल बैंकों की खरीदारी से सपोर्ट
World Gold Council की एक रिपोर्ट के अनुसार, 73 में से 95% सेंट्रल बैंक अगले 12 महीनों में सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं। यह गोल्ड की लॉन्ग-टर्म डिमांड को मजबूत करता है। साथ ही, अमेरिका के 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में भी गिरावट आई है, जो सोने के लिए पॉजिटिव माना जाता है।
4. टेक्निकल चार्ट्स क्या कह रहे हैं?
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Resistance (अवरोध): $3,400 → $3,450 → $3,500 (ऑल टाइम हाई)
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Support (समर्थन): $3,350 → 50-day SMA: $3,293 → $3,167 (April 3 का हाई)
चार्ट के अनुसार, जब तक सोना $3,350 के ऊपर है, तब तक ट्रेंड पॉजिटिव माना जा सकता है।
निवेशकों के लिए रणनीति क्या होनी चाहिए?
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अगर फेड का रुख डोविश रहता है (यानी रेट कट के संकेत मिलते हैं), तो सोना $3,400 के ऊपर फिर से छलांग लगा सकता है।
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लेकिन अगर डॉलर का दबदबा बना रहा, तो सोने में और बिकवाली हो सकती है।
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ऐसे में निवेशकों के लिए “Buy the Dip” यानी गिरावट में खरीदारी की रणनीति, मजबूत सपोर्ट लेवल्स के पास काम आ सकती है।