काल बनकर आई बारिश, करंट लगने और डूबने से 6 लोगों की दर्दनाक मौत

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 05:20 PM

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मिलेनियम सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम बुधवार को मूसलाधार बारिश के चलते पूरी तरह से थम गया। शहर की सड़कों पर पानी भर गया, बिजली के पोलों और तारों में करंट दौड़ गया और प्रशासन नदारद रहा। इस लापरवाही और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर का नतीजा यह हुआ कि छह...

नेशनल डेस्क: मिलेनियम सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम बुधवार को मूसलाधार बारिश के चलते पूरी तरह से थम गया। शहर की सड़कों पर पानी भर गया, बिजली के पोलों और तारों में करंट दौड़ गया और प्रशासन नदारद रहा। इस लापरवाही और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर का नतीजा यह हुआ कि छह लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इनमें करंट लगने से तीन और डूबने से तीन लोगों की मौत हुई। बारिश के कारण शहर के कई निचले इलाके पानी में डूब गए। लोगों की गाड़ियां सड़कों पर बंद हो गईं। कई बाहरी लोग जिन्हें गुरुग्राम में रुकना था, जलभराव और जाम की वजह से सड़कों पर ही रात बिताने को मजबूर हो गए। जिला प्रशासन से मदद की उम्मीद करने वालों को निराशा ही हाथ लगी। जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगी थी वे भी रातभर गायब रहे।

ग्राफिक्स डिजाइनर की दर्दनाक मौत

सेक्टर-49 में एक निजी कंपनी में काम करने वाला ग्राफिक्स डिजाइनर जब बाइक से घर लौट रहा था तो सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे से निकले तारों में करंट फैल गया। जैसे ही युवक वहां पहुंचा उसे तेज करंट लग गया। 15 मिनट तक वह तड़पता रहा लेकिन कोई मदद नहीं मिली और उसकी मौत हो गई।

डिलीवरी ब्वॉय भी करंट की चपेट में आया

एक और मामला सेक्टर-17/18 में सामने आया जहां जेनपेक्ट चौक के पास बिजली के पोल से करंट लगने से डिलीवरी ब्वॉय की मौत हो गई। मृतक पवन मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और गुरुग्राम के सुखराली में रहता था। रात को पराठे लेने निकला था तभी हादसे का शिकार हो गया।

लोहे के शटर ने ले ली जान

23 वर्षीय प्रशांत अर्जुन नगर में अपने रिश्तेदार से मिलने आया था। जब वह उनके घर जा रहा था तो लोहे के शटर से संपर्क में आ गया जिसमें करंट था और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा भी प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा रहा।

अरावली में गड्ढे ने निगली तीन जिंदगियां

गुरुवार को अरावली की पहाड़ियों में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब तीन युवक एक झरना देखने गए थे। वहां बने 60 फीट गहरे गड्ढे में एक युवक नहाने गया तो वह डूबने लगा। उसे बचाने के लिए दो और युवक भी कूदे लेकिन वे भी डूब गए। मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के इटावा निवासी सुरजीत, आशीष और देवेंद्र के रूप में हुई है। यह गड्ढा अवैध खनन के कारण बना था। ग्रामीणों ने तीनों शवों को बाहर निकाला लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यह घटना प्रशासन की उस उदासीनता को उजागर करती है जो अवैध खनन रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है।

गोवंश की भी मौत

सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि दो गोवंश की भी करंट लगने से मौत हो गई। सेक्टर-50 थाने में बिजली निगम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल

इन घटनाओं के बाद सवाल उठने लगे हैं कि गुरुग्राम जैसा हाईटेक और विकसित शहर क्या इतनी सी बारिश से भी नहीं निपट सकता? जिन सड़कों पर करोड़ों खर्च किए जाते हैं वे थोड़ी सी बारिश में तालाब बन जाती हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की तैयारी पूरी तरह से नदारद दिखी।

 

 

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