Edited By Harman Kaur,Updated: 05 Sep, 2025 05:58 PM

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने 8 वर्षों में 12 करोड़ ग्राहकों को जोड़ा है, जिनमें 80% ग्रामीण और 59% महिलाएं हैं। 1.65 लाख डाकघरों के नेटवर्क से यह बैंक सेवाएं जैसे DBT, पेंशन, स्वास्थ्य लाभ, RuPay कार्ड और आधार आधारित भुगतान दे रहा है।...
नेशनल डेस्क: भारत के डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन के सफर में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। 1 सितंबर 2018 को लॉन्च हुए इस बैंक ने अब तक 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों को अपनी सेवाएं दी हैं, जिनमें से 80% ग्रामीण इलाकों से और 59% महिलाएं हैं। यह बैंक 1.65 लाख पोस्ट ऑफिस और करीब 2 लाख डाक कर्मचारियों के नेटवर्क का उपयोग करते हुए देश के अंतिम व्यक्ति तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचा रहा है।
कौन-कौन सी सेवाएं मिलती हैं?
IPPB न सिर्फ डिजिटल सेविंग्स अकाउंट खोलता है, बल्कि स्वास्थ्य लाभ वाले बैंक अकाउंट, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), पेंशन भुगतान, क्रेडिट सहायता, क्रॉस-बॉर्डर मनी ट्रांसफर, आधार आधारित पेमेंट सर्विस, और RuPay वर्चुअल डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी देता है। बैंक देश की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए 13 भाषाओं में सेवाएं दे रहा है ताकि अलग-अलग राज्यों के ग्राहक आसानी से इसका लाभ ले सकें।
IPPB का मिशन और असर
बैंक की चेयरपर्सन वंदिता कौल ने कहा, “IPPB ने यह दिखा दिया है कि वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि एक सच्चाई है जिसे पूरा किया जा सकता है। हमने लाखों लोगों को उनके दरवाजे पर बैंकिंग सेवा देकर सशक्त किया है।”
मुख्य बातें :-
- शुरुआत: 1 सितंबर 2018
- कुल ग्राहक: 12 करोड़ से अधिक
- ग्रामीण ग्राहक: 80%
- महिला ग्राहक: 59%
- पोस्ट ऑफिस नेटवर्क: 1.65 लाख
- प्रमुख सेवाएं: DBT, पेंशन, डिजिटल खाता, स्वास्थ्य लाभ, RuPay कार्ड
- भाषाएं: 13 भाषाओं में सेवा उपलब्ध
प्रधानमंत्री ने की तारीफ
IPPB के 8वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ करते हुए X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “सरकार के अभूतपूर्व प्रयासों से हमारा डाकिया अब वित्तीय समावेशन का अग्रदूत बन गया है। @IndiaPostOffice और @IPPBOnline के साथ भारत का डाक प्रणाली दुनिया का सबसे बड़ा डोरस्टेप बैंकिंग नेटवर्क बन गया है।”