Edited By Radhika,Updated: 12 Jul, 2025 05:50 PM

सोशल मीडिया पर इन दिनों ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित अमेरिकी हमले को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। चिंता की बात यह है कि कुछ फेक चैनलों के माध्यम से ईरान के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर भारत और ईरान के मजबूत रिश्तों को खराब करने...
नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया पर इन दिनों ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित अमेरिकी हमले को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। चिंता की बात यह है कि कुछ फेक चैनलों के माध्यम से ईरान के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर भारत और ईरान के मजबूत रिश्तों को खराब करने वाले झूठे और भ्रामक दावे किए जा रहे हैं। इन दावों में से एक प्रमुख यह है कि अमेरिका को ईरान पर हमला करने के लिए भारत ने अपने एयर स्पेस (हवाई क्षेत्र) का इस्तेमाल करने दिया। भारत में ईरान के दूतावास ने इन सभी दावों को पूरी तरह से 'फेक' बताया है।
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भारत-ईरान के रिश्तों को बिगाड़ने की 'कुत्सित कोशिश'
भारत में ईरान के दूतावास ने अपने X अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए इन भ्रामक दावों से दूर रहने की सलाह दी है। दूतावास ने इसे भारत-ईरान के मजबूत रिश्तों को खराब करने का एक 'कुत्सित प्रयास' करार दिया है।
ईरानी दूतावास ने स्पष्ट रूप से लिखा है, "कुछ फेक चैनल्स ईरान के नाम पर भारत और ईरान के रिश्तों को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं, मगर ये अकाउंट ईरान से संबंधित नहीं हैं।" ईरान ने अपनी इस पोस्ट में कई फेक अकाउंट्स के स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं, जिनमें कई तरह के भ्रामक दावे किए गए हैं। यह दिखाता है कि इस तरह की गलत सूचना जानबूझकर फैलाई जा रही है ताकि दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा किया जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की फेक न्यूज़ अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकती है और जनता के बीच गलतफहमी पैदा कर सकती है। किसी भी जानकारी पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करना बेहद महत्वपूर्ण है।