पाकिस्तानी F16 से क्यों बेहतर है तेजस Mk-1A, 2026 तक भारतीय वायुसेना में शामिल होंगे 6 स्वदेशी फाइटर जेट

Edited By Rahul Rana,Updated: 24 Jun, 2025 07:44 PM

is tejas mk 1a better than pakistani f16

भारतीय वायुसेना को मार्च 2026 तक कम से कम छह तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) मिलने की संभावना है। इस बारे में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने जानकारी दी है, जो इन आधुनिक लड़ाकू विमानों का निर्माण कर रहा है। तेजस LCA Mk-1A वेरिएंट की...

National Desk : भारतीय वायुसेना को मार्च 2026 तक कम से कम छह तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) मिलने की संभावना है। इस बारे में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने जानकारी दी है, जो इन आधुनिक लड़ाकू विमानों का निर्माण कर रहा है। तेजस LCA Mk-1A वेरिएंट की डिलीवरी में देरी को लेकर पहले विवाद हुआ था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जताई थी। HAL के चेयरमैन डीके सुनील ने बताया कि देरी का कारण अमेरिकी कंपनी की ओर से एफ404 इंजन की समय पर आपूर्ति न हो पाना था। अब जीई एयरोस्पेस से इंजन मिलने के बाद विमानों की डिलीवरी शुरू हो सकेगी।

HAL के पास तैयार हैं छह तेजस Mk-1A विमान
HAL के चीफ डीके सुनील ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान जीई एयरोस्पेस 12 इंजन सप्लाई करेगा, जिससे वायुसेना को विमानों की डिलीवरी में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "हर कंपनी की आलोचना होती है, लेकिन हम छह विमान पहले ही तैयार कर चुके हैं।" उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ एक इंजन ही प्राप्त हुआ है, जबकि 2023 में सभी इंजन मिलने थे। जीई की ओर से देरी का कारण कोविड-19 महामारी के दौरान उत्पादन में कमी और कई वरिष्ठ इंजीनियरों का कंपनी छोड़ना रहा, जिससे सप्लाई चेन प्रभावित हुई।

तेजस Mk-1A कैसा लड़ाकू विमान है?
तेजस Mk-1A एक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसकी तुलना फ्रांस के राफेल से की जाती है। भारत ने 36 राफेल विमान खरीदें हैं, लेकिन तेजस को खासतौर पर भारतीय मिसाइलों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इसमें भविष्य में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल भी लगाया जा सकेगा, जबकि राफेल में यह सुविधा हासिल करने में लंबा समय लगा। तेजस Mk-1A कई प्रकार के हथियारों को ले जा सकता है, जिनमें बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। बीवीआर मिसाइलें रडार पर दिखाई न देने वाले टारगेट को भी पकड़कर नष्ट कर सकती हैं, जिससे युद्ध क्षमता बढ़ती है।

एफ-16 से बेहतर क्यों माना जाता है तेजस Mk-1A?
तेजस Mk-1A की तुलना अक्सर अमेरिकी एफ-16 से की जाती है, जो पाकिस्तान की वायुसेना का मुख्य स्तंभ है। हालांकि एफ-16 एक प्रभावी लड़ाकू विमान है, लेकिन पाकिस्तान के ज्यादातर जेट पुराने हैं, जबकि तेजस अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इसमें आधुनिक एविओनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और स्वदेशी रूप से विकसित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार मौजूद है, जो बेहतर ट्रैकिंग और निशाना लगाने की क्षमता देता है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ मामलों में तेजस Mk-1A एफ-16 से भी बेहतर साबित हो सकता है। इसका डिजाइन ऐसा है कि इसे आसानी से मेंटेन और अपग्रेड किया जा सकता है, साथ ही नए हथियार भी लगाए जा सकते हैं, जो विदेशी विमानों में अक्सर संभव नहीं होता।

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स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के जेट AMCA पर भारत की योजना
भारत अमेरिका के एफ-35 और रूस के एसयू-57ई जैसे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खरीदने की भी योजना बना रहा है, लेकिन उनकी महंगी कीमत और तकनीक हस्तांतरण की शर्तें अभी स्पष्ट नहीं हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत एसयू-57 की ओर झुकाव रखता है क्योंकि उसकी शर्तें बेहतर हैं। हालांकि, भारत का असली लक्ष्य एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट है, जो HAL और DRDO के सहयोग से विकसित किया जा रहा एक स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ जेट होगा। यह विमान पुराने और भविष्य के स्टील्थ विमान के बीच की खाई को पाटेगा।

वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास केवल 32 स्क्वाड्रन हैं, जबकि चीन और पाकिस्तान के दो मोर्चों पर लड़ने के लिए 42 स्क्वाड्रन की आवश्यकता है। तेजस Mk-1A का उत्पादन बढ़ाकर और घरेलू रिसर्च एवं विकास को प्रोत्साहित करके भारत विदेशी रक्षा उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है ताकि इस कमी को पूरा किया जा सके।

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